ऋण और निवेश

बैंक ऑफ इंडिया ने 101 करोड़ के ऋण वितरित किए
जयपुर। बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को कार्यपालक निदेशक स्वरूप दासगुप्ता के जयपुर आगमन पर कस्टमर आउटरिच प्रोग्राम किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलन से हुआ व आंचलिक प्रबंधक देशराज खटीक ने बैंक ऑफ इंडिया जयपुर अंचल की 89 शाखाओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए व्यवसाय की जानकारी दी। कार्यपालक निदेशक स्वरूप दासगुप्ता ने कहा कि कस्टमर आउटरिच प्रोग्राम के तहत जयपुर अंचल में ऋण वितरण अभियान चलाया गया। इस अभियान में अंचल द्वारा कुल 101 करोड़ के ऋण स्वीकृत एव वितरित किए गए। जिसमें एमएसएमई मे 56 करोड़, जयपुर आंचल ने 43.20 करोड़, चिकित्सा क्षेत्र में वितरित किए, कृषि क्षेत्र में 14 करोड़, रिटेल क्षेत्र में ऋण 25 करोड़, गोल्ड ऋण 6 करोड़ आदि स्वीकृत एवं वितरित किए गए।
दिसंबर तक 75 प्रतिशत ऋण वितरित करें बैंक, अपर मुख्य सचिव ने 30 नवंबर तक ऋण आवेदन निस्तारित के दिए निर्देश
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की एमएसएमई से संबंधित ऋण योजनाओं में ओवरलैपिंग देखने को मिल रही है। इसका परीक्षण कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश उन्होंने दिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने कहा कि बैंकों को केंद्र और प्रदेश की सरकारों की ऋण योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्य का 75 प्रतिशत आगामी दिसंबर माह के अंत तक पूरा करना होगा। पीएम स्वनिधि के अंतर्गत प्राप्त ऋण आवेदनों को 30 नवंबर तक निस्तारित करने के निर्देश बैंकों को दिए गए हैं।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की एमएसएमई से संबंधित ऋण योजनाओं में ओवरलैपिंग देखने को मिल रही है। इसका परीक्षण कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश उन्होंने दिए। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो में ओवरलैपिंग की स्थिति है। बैंकों में एनपीए की वृद्धि रोकने तथा बैंकिग को सतत उपयोगी बनाने को संबंधित विभागों को सहयोग देने को कहा गया।
ऋण राशि की वसूली को अमीनों का लिया जाएगा सहयोग
यह तय किया गया कि बैंकों से स्थानीय प्रशासन समन्वय स्थापित कर एनपीए कम करने के प्रयास करेगा। तहसील से रिकवरी सर्टिफिकेट का मिलान करते हुए ऋण राशि की वसूली को अमीनों का सहयोग लिया जाएगा। पांच किमी की परिधि ऋण और निवेश में बैंकिंग सेवाओं से आच्छादित नहीं होने वाले उत्तराखंड के 103 गांवों में बैंक शाखाएं खोलने की संभावनाओं का पता लगाने की जिम्मेदारी जिला सहकारी बैंक को दी गई। बैंक को गांवों की सूची भेजी गई है। केंद्र सरकार ने पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई तथा पीएमजेजेबीवाई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक खाताधारकों को आच्छादित करने के निर्देश दिए हैं।
अल्मोड़ा ऋण और निवेश में जुड़ चुके 99 प्रतिशत बचत खाते डिजिटली
बताया गया कि राज्य में 31,59,504 खाताधारकों को पीएमजेडीवाई, 23,85,330 खाताधारकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 5,95,833 खाताधारकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 507324 खाताधारकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है। उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम को प्रोत्साहित करने की दिशा में अल्मोड़ा तथा चमोली जिले आगे चल रहे हैं। अल्मोड़ा में 99 प्रतिशत तथा चमोली में 84 प्रतिशत बचत खाते डिजिटली जुड़ चुके हैं। डिजिटाइजेशन के तहत रूपे कार्ड, आधार इनेबल्ड एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
1238 गांवों में स्थापित किए जा रहे फोर जी टावर
राज्य में अगले चरण में 1238 गांवों में फोर जी टावर स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य के सभी जिलों की खसरा खतौनी भू-लेख पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है। अल्मोड़ा तथा पौड़ी गढ़वाल दो जिलों में भूमि का नक्शा बनाने कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष जिलों में कार्य प्रगति पर है। बैठक में कृषि सचिव बीवीआरसी पुरूषोतम, अपर सचिव सी रविशंकर, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआइ लता विश्वनाथन, एसएलबीसी संयोजक दिग्विजय सिंह रावत तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित थे।
UP Kisan Karj Rahat Scheme : योगी सरकार का बड़ा ऐलान, किसानों का कर्ज होगा माफ़, करे ऑनलाइन पंजीयन
UP Kisan Karj Rahat Scheme : किसान कर्ज राहत यूपी उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के किसानों के लिए एक नई योजना है। यह योजना उन सभी किसानों ( Farmer ) की मदद करती है जो बैंक से कर्ज लेते हैं। सरकार उत्तर प्रदेश ऋण ब्याज योजना, जिसे माफ़ी राहत योजना योजना ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) के रूप में भी जाना जाता है, पर ब्याज की छूट पर ब्याज का त्याग करती है।
UP Kisan Karj Rahat Scheme
Uttar Pradesh Kisan Karj Rahat Scheme
किसान कर्ज माफी राहत योजना ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) विभिन्न ब्याज ऋण हैं, और उत्तर प्रदेश के किसान ( Farmer ) के लिए, यह फायदेमंद है। ब्याज योजनाओं में छूट की ऐसी बुनियादी विशेषताएं हैं: केवल 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसान ही योजना का लाभ उठा सकते हैं। राहत की कुल राशि रुपये तक है। 1 लाख। कार्यक्रम के लिए, केवल यूपी ( Uttar Pradesh ) के फ्रैमर ही उत्तरदायी हैं। 31 मार्च 1997 से पहले ऋण लेने वाले किसानों को उनके सरकारी निवेश पर ब्याज की पूर्ण छूट से लाभ होगा।
1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2007 के बीच कर्ज लेने वाले किसान को 80% तक की कर्जमाफी मिलेगी। 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2012 तक ऋण देने वाले किसान ( Farmer ) अपने लंबित ऋण पर 50% की छूट प्रदान करेंगे। कर्ज राहत योजना ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) के तहत कर्ज पर सरकारी ब्याज कम किया जाएगा। स्थानीय साहूकारों से किसान को बचाने का सरकार का प्राथमिक उद्देश्य क्योंकि वे किसान को ऋण के उच्च ब्याज पर बंद कर देते हैं। कृषि उत्पादन में यह योजना लाभकारी है क्योंकि इससे फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी।
UP Kisan Karj Rahat Scheme के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
- किसानिनमोचन ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) के लिए आधिकारिक यूपी पोर्टल खोलें।
- यदि आप एक नए आवेदक हैं, तो आवश्यक जानकारी प्रदान करके आधिकारिक साइट पर योजना के लिए पंजीकरण करें।
- पुराने उपयोगकर्ता होम पेज मेनू बार पर “लॉगिन” लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
- अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें और आवेदन पत्र को पूरा करना जारी रखें।
- आवश्यकतानुसार विवरण भरें, जैसे नाम, आधार संख्या, आयु, बैंक खाता विवरण और ऋण संबंधी जानकारी।
- एक बार सभी जानकारी सही ढंग से दर्ज करने के बाद, ‘सबमिट’ बटन दबाएं।
- फिर आवेदन पत्र प्रदर्शित किया जाएगा।
- अतिरिक्त संदर्भ के लिए भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट लें।
यूपी किसान ऋण मोचन योजना की पात्रता आवश्यकताएँ
ऋण प्राप्त करने वाला किसान, बैंक शाखा (जिसके माध्यम से ऋण दिया गया था), और किसान ( Farmer ) के पास भूमि सभी उत्तर प्रदेश में हैं। छोटे किसान की सभी भूमि का कुल क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर से ऋण और निवेश अधिक नहीं होगा, और छोटे किसान का कुल क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर से अधिक नहीं होगा। एक किसान जिसका फसल ऋण प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पुनर्गठित किया गया है, इस योजना ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) के तहत कवर किया जाएगा। सरकारी राजस्व रिपोर्ट के अनुसार, किसानों द्वारा सरकार द्वारा पट्टे पर दी गई ऋण और निवेश भूमि पर खेती के लिए फसल ऋण अर्जित किया जाता है।
Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana
इस योजना से उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के किसान लाभान्वित होंगे। किसान ऋण राहत योजना 2022 ( Uttar Pradesh Kisan karj Rahat Yojana ) के तहत छोटे और सीमांत राज्य के किसानों ( Farmer ) के लिए 1 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ किए जाएंगे। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के लगभग 86 लाख किसान उनसे लिए गए फसली ऋण से मुक्त होंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। किसान ऋण लेते हैं क्योंकि वे अपने व्यवसाय और परिवार का समर्थन करने के लिए पर्याप्त कमाई नहीं करते हैं। इसलिए, यह उनके लिए एक जाल है क्योंकि उन्हें उच्च मात्रा में ऋण चुकाना पड़ता है। किसानों की मदद के लिए, किसानों की ऋण ब्याज दरों को कम करने के लिए यूपी किसान कर्ज राहत योजना ( UP Kisan Karj Rahat Scheme ) शुरू की गई है।
बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है Mutual Funds, जानिए कौन सा है सही
बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश (Investment for Education) करने जा रहे हैं। आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता तथा लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चयन करना चाहिए। म्यूचुअल फंड्स ( Mutual Funds)बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां जानिए यह कैसे चुनें। तीन शीर्ष इक्विटी फंड्स का उल्लेख किया गया है जिन पर आप विचार कर सकते हैं।
Updated Nov 11, 2022 | 08:14 PM IST
बच्चों की शिक्षा के लिए म्यूचुअल फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं।
बच्चों की शिक्षा मंहगी होती है। भारत तथा विदेश में शिक्षा की उच्च लागत के कारण परिवार की बचतों पर चोट पहुंच सकती है। कई माता-पिता अपने बच्चे की शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण (एजुकेशन लोन) लेते हैं। लोन के अलावा, म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) ऐसा अन्य क्षेत्र है जिस पर अपने बच्चे की शिक्षा की फंडिंग करने के लिए विचार कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स में एक अच्छी निवेश योजना से आपको अपने बच्चे को सर्वश्रेष्ठ संभावित शिक्षा दिलाने के जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। बच्चों की शिक्षा के उद्देश्य से निवेश के लिए (Investment for Education) सही म्यूचुअल फंड कैसे चुने, आइये आपको यह जानकारी देते हैं।
जब बात म्यूचुअल फंड के बारे में की जाती है, तो विविध विकल्प उपलब्ध होते हैं। लेकिन, आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता तथा लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चयन करना चाहिए। बच्चों की शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य (15-18 वर्ष) होता है जिसके लिए आदर्श रूप से आपके बच्चे की छोटी आयु से ही प्लानिंग की शुरूआत की जानी चाहिए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इक्विटी फंड्स निवेश के लिए आदर्श विकल्प होते हैं। यहां पर उन तीन शीर्ष इक्विटी फंड्स का उल्लेख किया गया है जिन पर आप विचार कर सकते हैं।
डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड्स
डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड अनेक दीर्घकालिक लक्ष्यों जैसे बच्चों की शिक्षा और सेवा निवृत्ति के लिए आदर्श हो सकते हैं। इस निवेश स्कीम के अंतर्गत ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है जो संबंधित सेक्टर्स में अग्रणी हैं, और इस प्रकार से आपको विकासशील अर्थव्यवस्था के लाभ मिल जाते हैं। किसी खास उद्योग पर फोकस करने वाली स्कीमों की तुलना में डायवर्सिफाइड फंड्स में जोखिम एलिमेंट कम होते हैं। इक्विटी स्कीमों के ऐतिहासिक परफॉर्मेंस के आधार पर, आप अपने निवेश पर लगभग 12% दीर्घकालिक सीएजीआर की उम्मीद कर सकते हैं।
फ्लेक्सीकैप इक्विटी फंड्स
जैसा कि नाम से पता लगता है, इन स्कीमों में अग्रणी लार्ज, मिड तथा स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश किया जाता है। मार्केट कैप साइज के अनुसार, इन फंड्स के अंतर्गत निवेश अनुपातों को एडजस्ट किया जा सकता है, और इस प्रकार आप मार्केट की स्थिति के अनुसार सर्वश्रेष्ठ संभावित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस फंड की दीर्घकालिक सीईएजीआर 9% और अधिक की है।
बैलेंस्ड एडवेंटेज फंड्स
ये फंड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो जारी मार्केट दशाओं के आधार पर इक्विटी और डेट में आवंटन को परिवर्तित करने में समर्थ होते हैं। साथ ही इन्हें डायनामिक एसेट एलोकेशन फंड्स भी कहा जाता है, और इनसे दोनो एसेट श्रेणियों के सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिलते हैं। उनके ऐतिहासिक परफॉर्मेंस को देखते हुए, आप स्कीमों की इस श्रेणी से दीर्घकालिक 8-12% की सीएजीआर की उम्मीद कर सकते हैं।
फंड्स को चुनते समय विचारणीय फैक्टर्स
उपयुक्त फंड्स को चुनते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखने से सहायता मिलेगी। सही फंड को चुनने में सहायता करने के लिए आइये कुछ महत्वपूर्ण पैरामीटर्स पर विचार करते हैं।
परफॉर्मेंस ट्रैक रिकार्ड:-
फंड्स को चुनते समय, कम से कम 5 वर्ष के ट्रैक रिकार्ड पर विचार करें। लेकिन, दीर्घकालिक ट्रैक रिकार्ड और भी अच्छा रहता है क्योंकि इससे निवेशकों को रिटर्न की भावी दर का अंदाजा लगाने में और पिछले मार्केट चक्रों के दौरान इसमें फेरबदल करने की योग्यता में सहायता मिलती है।
व्यय अनुपात
यह प्रशासनिक तथा प्रचालन लागतों को कवर करने के लिए फंड द्वारा निवेशकों से वसूली जाने वाली प्रतिशत-आधारित फीस है। किसी फंड का व्यय अनुपात इसके नेट रिटर्न्स को प्रभावित करता है। निम्न व्यय अनुपात से आपके पोर्टफोलियो में अधिक यूनिट्स आ सकेंगे जिससे आपके रिटर्न्स में बढ़ोतरी होगी। दीर्घकाल में, इन अतिरिक्त यूनिट्स से संबंधित कम्पाउंडिंग लाभ से आपके रिटर्न्स में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी हो सकती है।
फंड मैनेजर की निवेश शैली
फंड के मैनेजमेंट के लिए फंड मैनेजर्स उत्तरदायी होते हैं तथा इसकी परफॉर्मेंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कीम को चुनने से पहले, अपने फंड मैनेजर और उसकी निवेश विचार प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर लें। आप मार्केट तथा उम्मीदों के संबंध में उनकी सामान्य कमेंट्री को जानने के लिए फंड हाउस की फैक्टशीट्स को भी देख सकते हैं। इंटरव्यूज़ तथा न्यूज पोर्टल्स अन्य साधन हैं जिनसे आप फंड मैनेजर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हर मां-बाप अपने बच्चे को हर सर्वश्रेष्ठ चीज को, विशेष रूप से शिक्षा प्रदान करने की कोशिश करते हैं। सिस्टेमैटिक निवेश योजना (ऋण और निवेश एसआईपी) के माध्यम से निरन्तर निवेश करना उस सम्पदा का सृजन करने का आदर्श तरीका है जिससे शिक्षा लागतों को कवर किया जा सकता है। जैसे जैसे हर वर्ष आपकी आय बढ़ती है, अपने निवेश को भी बढ़ाने पर विचार करें। इससे आपको समय पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, और साथ ही भावी जीवन के लक्ष्यों के लिए प्रारम्भिक बढ़त भी प्राप्त हो जाएगी।
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
उत्तर प्रदेश को ‘पर्यटन प्रदेश’ बनाएगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश( Image Credit- Google)
फोकस पर्यटन स्थल के तहत विभिन्न निवेशकों को कम ज्ञात पर्यटन स्थलों में निवेश करने का दिया मौका
- पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्यमियों को 40 करोड़ रुपए तक की मिलेगी सब्सिडी
- पूंजीगत सब्सिडी के अलावा बैंक ऋण पर देय ब्याज और स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण पर भी मिलेगी छूट
- आगामी 5 वर्षों के लिए प्रभावी होगी नीति, प्रदेश में नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाने की योजना
- नई पर्यटन नीति के जरिए प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश का रखा गया है लक्ष्य
- नीति के तहत प्रदेश में 10 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किए जाने का प्रावधान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को ‘पर्यटन प्रदेश’ के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को संवारने और प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेशकों को 40 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान करने का फैसला किया गया है। बुद्धवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई है, जिसमें निवेशकों को फोकस पर्यटन स्थलों के विकास में योगदान देने पर राहतों की बड़ी सौगात दी गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की पहल की हैं। इनमें एक जैसे धार्मिक, भौगोलिक और प्राकृतिक स्थलों को जोड़कर सर्किट बनाने के अलावा नए वैकल्पिक पर्यटन केंद्रों की स्थापना का खाका तैयार किया गया है। साथ ही, पर्यटन के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश के साथ-साथ 10 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
हर तरह के निवेशकों को मिलेगी सब्सिडी
नई नीति के तहत प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों को कई तरह के अनुदान देने की बात कही गई है। इसके तहत, 10 लाख से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वालों को 25 प्रतिशत या 2 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी। वहीं, 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वाले उद्यमियों को 20 प्रतिशत या 7.5 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसी तरह 50 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए के बीच निवेश पर उद्यमियों को 15 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपए के बीच के निवेशकों को 10 प्रतिशत या 25 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान की जाएगी। 500 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी का निवेश करने वाले प्रीमियर निवेशकों को 10 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपए में जो भी अधिक हो, सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
महिलाओं और एससी-एसटी को 5 प्रतिशत अतिरिक्त छूट
फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन (एफटीओ) में पर्यटन इकाई के प्रस्तावों हेतु महिला उद्यमी तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों को सब्सिडी में अतिरिक्त 5 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, पर्यटन इकाइयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपए तक की बैंक ऋण राशि पर पात्र पर्यटन इकाइयां अधिकतम 5 साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष ऋण राशि के 5 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। पंजीकृत पर्यटन इकाइ ब्याज सब्सिडी अथवा कैपिटल सब्सिडी में से किसी एक अनुदान हेतु ही अनुमन्य होगी।
स्टांप शुल्क और पंजीकरण में 100 प्रतिशत छूट
नई पर्यटन नीति में पर्यटन इकाइयों की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु भूमि के प्रथम क्रय, लीज, ट्रांसफर पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दिए जाने का भी प्रावधान है। सभी नई और विस्तार कर रही पर्यटन इकाइयों के लिए भू उपयोग परिवर्तन और विकास शुल्क में भी पूर्ण छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा रोजगार सृजन पर ईपीएफ सब्सिडी, दिव्यांग अनुकूल इकाइयों के लिए विशेष प्रोत्साहन, सूचना और प्रौद्योगिकी सक्षमता के लिए विशिष्ट प्रोत्साहन, नवाचार विशिष्ट हेतु 50 हजार रुपए तक का प्रोत्साहन, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग में शोध के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता के अलावा राज्य की दुर्लभ एवं लुप्तप्राय कला, संस्कृति और व्यंजनों का संरक्षण, संवर्धन, पुनर्जीवित किए जाने हेतु 5 लाख तक प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।
हेरिटेज होटलों के लिए विशेष प्रोत्साहन
हेरिटेज इकाई को लेकर भी नीति में कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप में बिना बदलाव लाए इकाई के संरक्षण, विस्तार, रेनोवेशन के जरिए हेरिटेज होटलों का संचालन करने वाले उद्यमियों को पूंजीगत निवेश के 25 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 5 करोड़ के ऋण पर 5 वर्ष ऋण और निवेश तक 5 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। हेरिटेज इकाइयों को पूंजीगत एवं ब्याज अनुदान दोनों अनुमन्य होगा। हेरिटेज होटल की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु क्रय की गई भूमि पर स्टांप ड्यूटी में छूट दिए जाने का प्रावधान है। वहीं हेरिटेज होटल की स्थापना हेतु भू उपयोग परिवर्तन आवश्यक होने पर ऐसा परिवर्तन निशुल्क किए जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस हेतु लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किए जाने का भी प्रावधान है। वहीं राज्य सरकार हेरिटेज होटल्स तक सर्वऋतु मार्ग तथा अतिक्रमण मुक्त लिंक रोड की व्यवस्था कराएगी। निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत सब स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जाएगी तथा आकर्षक साइनेज लगाए जाएंगे।
युवाओं में विकसित करेंगे पर्यटन की समझ
नीति में युवाओं एवं बच्चों में प्रारंभ से ही पर्यटन व संस्कृति की समझ, आवश्यक्ता तथा महत्व को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत युवा पर्यटन क्लबों को देश में उत्तरदायी और सतत पर्यटन विकसित करने के साधन के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा राज्य में विभिन्न पर्यटन व्यवसायों द्वारा संचालित असाधारण पहलों और सेवा की गुणवत्ता को मान्यता प्रदान करने के लिए बेस्ट टूर ऑपरेटर, बेस्ट वेलनेस सेंटर, बेस्ट होटल, बेस्ट हेरिटेज होटल, बेस्ट इको टूरिज्म ऑपरेटर, बेस्ट इको रिसॉर्ट, बेस्ट होमस्टे, बेस्ट एडवेंचर टूर ऑपरेटर आदि राज्य पर्यटन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।