बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

मार्किट में शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे यह बात इससे निर्धारित होती है की मार्किट में बेचने वाले ज्यादा है या खरीदने वाले ज्यादा है अगर खरीदने वाले ज्यादा है तो शेयर ऊपर जायेगा और अगर बेचने वाले ज्यादा है तो शेयर नीचे जायेगा।
शेयर बाजार में इस्तेमाल किए जाने वाले 23 सबसे महत्वपूर्ण शब्द
भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, 30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl ये सभी शब्द बैंकिंग सामान्य ज्ञान के लिए बहुत उपयोगी हैंl
भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ,30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl दूसरा स्टॉक एक्सचेंज NSE भी मुंबई में है और इसकी स्थापना 1992 में हुई थीl सामान्य लोगों की जानकारी के लिए शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाले मुख्य शब्द इस प्रकार हैं l
1. इक्विटी शेयर (Equity Share): इक्विटी शेयर वे अंश है जिन्हें कंपनी से मताधिकार प्राप्त होता है l ये अंशधारी ही धारित अंशों के अनुपात में ही कंपनी के स्वामित्वधारी होते हैं l इन्हें लाभांश वितरण में कोई वयीयता प्राप्त नही होती है l
2. वरीयता अंश (Preference Share): ये वे शेयर धारक होते हैं जिन्हें लाभांश वितरण में वरीयता दी जाती हैl लाभ बाँटने के बाद यदि कुछ लाभांश बचता है तो उसे इक्विटी शेयर धारकों में बांटा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है जाता हैl वरीयता अंश के शेयर धारकों को कंपनी में मताधिकार प्राप्त नही होता है l
3. इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO): इसका सम्बन्ध प्राइमरी बाजार से है जिसमे नयी कंपनियों के अंश बाजार में जारी किये जाते हैं l इस विधि के माध्यम से कम्पनियाँ बाजार से पैसा जुटा कर अपनी आगे की वित्तीय योजनाओं को बनाती है l
शेयर मार्केट कैसे सीखें
शेयर मार्केट कैसे सीखें PART 1 में आज मैं चर्चा करूंगा शेयर क्या है स्टॉक मार्केट क्या है शेयर बाजार के बारे में जानकारी शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं शेयर बाजार कैसे सीखे इस सीरीज में आप पार्ट वन पढ़ रहे हैं
शेयर मार्केट सीखने के तरीके
शेयर मार्केट दो तरीकों से सीखा जा सकता है या तो आप शेयर मार्केट के कोर्स सिखाने वाले institute में कोचिंग क्लास में एडमिशन ले या online सामग्री जैसे website YouTube या ब्रोकर कंपनी के माध्यम से शेयर मार्केट सीख सकते हैं
👉 शेयर क्या है
किसी कंपनी का वह छोटा सा हिस्सा जो कंपनी निवेशकों को अपना बिजनेस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बढ़ाने के लिए बेचती हैं बिजनेस बढ़ाने के लिए और पैसे इकट्ठा करती है और निवेशक या ट्रेडर इस आशय से शेयर खरीदते हैं कि कंपनी को यदि प्रॉफिट हुआ तो उस लाभ का उनको भी हिस्सा मिलेगा
बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है
जब कभी हम शेयर मार्केट की बात करते है, तो उसमें एनएसई और बीएसई का नाम अवश्य शामिल होता है, क्योंकि भारत का शेयर बाजार एनएसई और बीएसई के ऊपर निर्भर करता है | यदि हम एनएसई और बीएसई की बात करे, तो यह दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है |
एनएसई और बीएसई यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग है, परन्तु इनमें कुछ समानताएं भी हैं | हमारे देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज की अहम् भूमिका है | बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है, फुल फॉर्म और NSE और BSE अंतर के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकरी विधिवत रूप से दे रहे है |
बीएसई और एनएसई का फुल फार्म (BSE & NSE Full form)
Table of Contents
बीएसई (BSE) का फुल फार्म “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (Bombay Stock Exchange)” है | यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE) का फुल फार्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है भारत में एनएसई की स्थापना वर्ष 1992 में इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम के रूप में हुई थी |
BSE Full Form In English | Bombay Stock Exchange |
NSE Full Form In English | National Stock Exchange |
बीएसई क्या है (What Is BSE)
बीएसई (BSE) की स्थापना वर्ष 1857 में प्रेमचंद रॉयचंद ने देशी शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में की थी और अब इसका प्रबंधन सेठूरामन रवि द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 1957 के बाद भारत सरकार नें सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता प्रदान की थी।
वर्ष 1995 में बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी। ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज’ के रूप में जाना जाता है और यह सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL), मार्केट डेटा सर्विस, डिपॉजिटरी सर्विसेज और रिस्क मैनेजमेंट आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बीएसई दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है है, और जुलाई 2017 तक, इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है 2 बिलियन डालर से अधिक है |
एनएसई क्या है (What Is NSE)
एनएसई (NSE) अर्थात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है स्थित है | एनएसई को वर्ष 1992 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, परन्तु इसका संचालन 1994 में शुरू हुआ था | एनएसई भारत में व्यापार के लिए स्क्रीन-आधारित प्रणाली की पेशकश करने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था।
शुरूआत में एनएसई को भारतीय बाजार प्रणाली में पारदर्शिता के लिए एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें में सफलता बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है प्राप्त की है। एनएसई सरकार की सहायता से सफलतापूर्वक ट्रेडिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें क्लीयरिंग के साथ-साथ ऋण और इक्विटी में समझौता और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक शामिल हैं।
वर्तमान में इस एक्सचेंज में लगभग 1700 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनमें से लगभग 1370 सक्रिय हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है, और मार्च 2017 तक इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.41 ट्रिलियन डालर से अधिक हो गया था |
भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India
भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान में भी कार्यरत है
इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.
NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – Stock Exchange Work
जब भी कोई Buyer या Seller ट्रेड प्लेस करते है तो वह ट्रेड सीधा ब्रोकर से होता स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर तक जाता है स्टॉक एक्सचेंज एक ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है जो ऑर्डर पर काम करने वाला आटोमेटिक मैचिंग सिस्टम है इस सिस्टम में जो भी व्यक्ति या कंपनी ट्रेड प्लेस कर रहा है उसकी पहचान जाहिर नहीं होती है।
किसी भी समय बाजार में एक शेयर को खरीदने या बेचने के लिए बहुत सारे लोग उपस्थित होते है ऐसे में जिस व्यक्ति ने पहले आर्डर प्लेस किया है उसका आर्डर पहले ख़रीदा या बेचा जायेगा लेकिन अगर कोई निवेशक पहले आर्डर की तुलना में कम कीमत डालता है तो उसके आर्डर को पहली Priority दी जाएगी
जब भी कोई निवेशक किसी शेयर कोई खरीदने या बेचने की इच्छा जाहिर करता है और अपने आर्डर को लगा देता है तो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम अपने आप खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलवाकर आर्डर को कम्पलीट कर देता है
Stock Exchange
स्टॉक एक्सचेंज एक सुव्यवस्थित तथा नियंत्रित Financial Market होता है। जहां पर stock trader शेयर, बांड तथा अन्य सिक्युरिटीज को खरीदते तथा बेचते है। Stock exchange कई तरह की सेवाएँ देते है।
ये कंपनियों को IPO (initial public offering ) लाने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाते है। जिससे कंपनियो में हिस्सेदारी बेच कर stock market से बिना ब्याज के धन जुटाया जाता है तथा कारोबार का विस्तार किया जाता है। इसे primary market कहते है।
Stock Exchange of India in Hindi- भारत के स्टॉक एक्सचेंज BSE तथा NSE
Stock Market Me invest Krke Wealth Kaise Create Kren- In Hindi
Stock Exchange में लिस्ट शेयरों में ऑक्शन के जरिये लगातार ट्रेडिंग होती रहती है। शेयरो के भाव supply तथा demand आधार पर तय होते है जिससे Stock Market में लिक्विडिटी बनी रहती है।
इससे इन्वेस्टरों का जोखिम भी कम जाता है। इसे secondary market कहते है। स्टॉक एक्सचेंज सख्त कानूनी नियम लागू करता है, जिन्हे सभी लिस्ट कंपनियो, इन्वेस्टर तथा ट्रेडर सभी पार्टियों को मानना आवश्यक होता है।