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कई समय सीमा विश्लेषण

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Examपुर लाया है यूपीएसएसएससी पीईटी 2022 का विशेष एवं सटीक कवरेज

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग 15 और 16 अक्टूबर 2022 को दूसरी प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) आयोजित करने जा रहा है। परीक्षा प्रत्येक दिन दो पालियों में आयोजित की जाएगी, पहली पाली सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक। और दूसरा दोपहर 03:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक। प्रत्येक पाली की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद उम्मीदवार हमारी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल "Examपुर" पर यूपीएसएसएससी पीईटी 2022 की सबसे तेज जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

विस्तृत पेपर समीक्षा जो परीक्षा के कठिनाई स्तर को निर्धारित करेगी, हमारे विशेष यूपी पीईटी परीक्षा विश्लेषण में शामिल की जाएगी।

जानिए कल Examपुर परिवार द्वारा यूपी पीईटी परीक्षा विश्लेषण 2022 से आपको क्या जानकारी मिलेगी:

आप UPSSSC PET परीक्षा की विषय-वार समीक्षा, कठिनाई स्तर और अपेक्षित कट-ऑफ देख सकेंगे।

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यातायात चार्ट

ट्रैफिक चार्ट क्या हैं?

ट्रैफिक चार्ट में कौन से मेट्रिक्स प्रदर्शित होते हैं?

ट्रैफ़िक चार्ट चार्ट के एक सेट को संदर्भित करते हैं जो प्रति माह, दिन और घंटे में आगंतुकों की संख्या और पृष्ठ विज़िट प्रदर्शित करते हैं। निम्नलिखित मेट्रिक्स डैशबोर्ड के भीतर चार्ट में प्रदर्शित होते हैं:

  • घंटे के अनुसार आगंतुकों की संख्या -देखें कि दिन के दौरान आपका ट्रैफ़िक कहाँ चरम पर था। इन नंबरों की गणना एक सप्ताह के दौरान प्रति दिन एक निश्चित समय पर आगंतुकों की औसत संख्या के आधार पर की जाती है। एक ही आगंतुक जो अलग-अलग समय के दौरान कई बार वेबसाइट पर जाता है, उसे प्रति समय अवधि में एक बार कई समय सीमा विश्लेषण गिना जाएगा।
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  • सप्ताह के दिनों के अनुसार पृष्ठ लोड की संख्या - पिछले सप्ताह के लिए दैनिक पृष्ठ लोड की संख्या।

आपको ट्रैफ़िक चार्ट का विश्लेषण क्यों करना चाहिए?

इन मीट्रिक को ट्रैक करना और उनका विश्लेषण करना आपकी सहायता करता है:

  • नई सामग्री प्रकाशित करने के लिए सर्वोत्तम समय और दिन निर्धारित करें (जैसे, ब्लॉग पोस्ट, दुकान में नए उत्पाद, आदि)।
  • पॉप-अप में प्रचार भेजने या ई-मेल पते मांगने के लिए सही समय सीमा चुनें।
  • एक बढ़िया सस्ता या प्रतियोगिता शुरू करने कई समय सीमा विश्लेषण के लिए सही समय की पहचान करें
  • अपना ट्रैफ़िक बढ़ाएँ और सामग्री (विज्ञापन सामग्री) के संदर्भ में अपनी सशुल्क साझेदारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्राप्त करें
  • सही समय पर चैट के माध्यम से अपने ग्राहकों से जुड़ें। आप सीख सकते हैं कि आपके आगंतुकों के लिए पूरी तरह से उपलब्ध होने के लिए सबसे अच्छा दिन और समय क्या है।
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बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल (बीबीआईएन) उप-क्षेत्र को जोड़ने के लिए क्या जरूरी है?

निर्यात माल से लदे ट्रक भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने के लिए इंतजार कर रहे हैं। छाया : दिलीप बनर्जी

भारतीय ट्रक चालक बापी सिकदर कहते हैं, "भारत-बांग्लादेश सीमा को पार करना बहुत चुनौतीपूर्ण है।" वे 35 वर्षों से दोनों देशों के बीच माल ढोते आए हैं। सिकदर उन हजारों ट्रक ड्राइवरों में से एक हैं जो दक्षिण एशिया में सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण भू सीमा - पेट्रापोल-बेनापोल क्रॉसिंग पर नियमित रूप से कतार लगाते हैं।

श्री सिकदर को सीमा पार करने से पहले भारत की तरफ पेट्रापोल स्थित एकीकृत चेक पोस्ट में प्रवेश करने के लिए 15 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। उसके बाद सीमा के बांग्लादेश की ओर बेनापोल में माल उतारने में उन्हें तीन दिन और लग गए। पूर्वी अफ्रीका सहित दुनिया के अन्य अधिकांश हिस्सों में, माल की समान मात्रा को क्लीर करने में छह घंटे से भी कम समय लगता है।

दुर्भाग्य से, श्री सिकदर का यह अनुभव बहुत आम है। सीमाओं पर दीर्घकालिक देरी बीबीआईएन उप-क्षेत्र के देशों - बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल के बीच व्यापार की उच्च लागत का कारण है। ये देरी बड़े पैमाने पर सीमा क्रासिंग पर अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, कागज-आधारित प्रक्रियाओं की अधिकता, प्रतिबंधात्मक नीतियों एवं विनियमों और कार्गो हैंडलिंग के लिए अक्षम लॉजिस्टिक्स के कारण होती है।

क्षेत्र का जटिल भूगोल कई समय सीमा विश्लेषण इस मुद्दे को और जटिल बना देता है। भूटान और नेपाल दुर्गम संपर्क वाले पहाड़ी देश हैं, जबकि भारत को इसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क को भी तंग (संकीर्ण) सिलीगुड़ी कॉरिडोर, चिकन नेक से होकर गुजरना पड़ता है।

तो, बीबीआईएन उप-क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए क्या करना होगा?

सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और स्वचालन के साथ-साथ लालफीताशाही में कमी बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएन) उप-क्षेत्र में सीमाओं पर लंबे इंतजार को कम कर सकती है। बांग्लादेश और भारत के बीच भोमरा भू बंदरगाह की तस्वीर। छाया : एरिक नोरा

सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और स्वचालन के साथ-साथ लालफीताशाही में कमी बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएन) उप-क्षेत्र में सीमाओं पर लंबे इंतजार को कम कर सकती है। बांग्लादेश और भारत के बीच भोमरा भू बंदरगाह की तस्वीर। छाया : एरिक नोरा

लालफीताशाही का खात्मा

सर्वप्रथम, सरल कायदे कार्गो की आवाजाही को आसान बनाने में मदद करेंगे। वर्तमान में, बांग्लादेश और भारत के बीच व्यापार करने के लिए लगभग 22 दस्तावेजों और 55 हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है। भूटान में, आयातकों को औसतन 86 बार विभिन्न प्राधिकरणों को अपने दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता होती है, जबकि निर्यातकों को 74 बार ऐसा करने की आवश्यकता होती है।

दूसरे, माल के प्रत्यक्ष जांच में कटौती करने से देरी कम हो सकती है। कुछ सीमाओं पर, सीमा शुल्क अधिकारी वहां से गुजरने वाले सामानों के 80-100 प्रतिशत हिस्से की जांच करते हैं। यदि ये देश उन्नत जोखिम प्रबंधन प्रथाओं को अपनाएं, तो कन्साइनमेंट्स को और अधिक तेज़ी से क्लीयर किया जा सकता है।

तीसरे, बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते (एमवीए) के शीघ्र कार्यान्वयन के परिणमस्वरूप छोटे कार्बन फुटप्रिंट के अलावा परिवहन मार्ग छोटा हो सकता है, यात्रा समय और लागत में कमी हो सकती है। विश्व बैंक के विश्लेषण से पता चलता है कि एमवीए के तहत, भारत के पूर्वोत्तर में अगरतला से कोलकाता बंदरगाह तक जाने वाला ट्रक 65 प्रतिशत कम समय लेगा और 68 प्रतिशत सस्ता होगा।

इसके अलावा, ओईसीडी डेटा से पता चलता है कि यदि इस क्षेत्र के देशों ने डब्ल्यूटीओ व्यापार सुविधा समझौते (टीएफए) - जिसका उद्देश्य कागजी कार्रवाई को सरल बनाना और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में सामंजस्य स्थापित करना है - को पूरी तरह से लागू किया होता, तो बीबीआईएन के देशों जैसे निम्न मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए व्यापार लागत में 17 प्रतिशत से अधिक की कमी आ सकती थी।

डिजिटाइज़ करें, स्वचालित करें

सीमा शुल्क और अन्य प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और स्वचालन से भी तेजी से और अधिक पारदर्शी क्लीयरेंस मिल सकती है। डिजिटाइजेशन से देशों को अपने डेटा में सामंजस्य स्थापित करने, डेटा एक्सचेंजों को सुविधाजनक बनाने और व्यापारियों एवं सरकारी अधिकारियों को साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने का अवसर होगा।

इस दिशा में, विश्व बैंक सिंगल इलेक्ट्रॉनिक गेटवे विकसित करने में बांग्लादेश और नेपाल का समर्थन कर रहा है जिससे आयातकों एवं निर्यातकों को अपने दस्तावेज़ इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करने की सुविधा मिलेगी। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद, इन राष्ट्रीय सिंगल विंडोज़ से क्लीयरेंस के समय में अप्रत्याशित रूप से कमी आने की उम्मीद है।

इन उपायों के साथ, कार्गो हैंडलिंग, भंडारण, टैरिफ गणना और सीमा पोस्ट पर भुगतान की प्रक्रियाओं को उन्नत करने से सीमा पार व्यापार की जटिलता को कम किया जा सकता है।

भारत के साथ निर्बाध संपर्क बांग्लादेश की राष्ट्रीय आय को 17 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, जबकि भारत को 8 प्रतिशत का लाभ होगा। भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेनापोल चेक पोस्ट। छाया : एरिक नोरा

भारत के साथ निर्बाध संपर्क बांग्लादेश की राष्ट्रीय आय को 17 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, जबकि भारत को 8 प्रतिशत का लाभ होगा। भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेनापोल चेक पोस्ट। छाया : एरिक नोरा

बुनियादी ढांचे की कमियों को पूरा करना

बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर, माल की सुगम आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत बहुवध परिवहन नेटवर्क बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। वर्तमान में, राष्ट्रों के भीतर भी, बहुविध माल ढुलाई परिचालन सीमित है; यह सीमा पार आवाजाही के लिए और भी कम है। समुद्री कंटेनरों की बहुविध प्रकृति का अधिकतम लाभ उठाने के लिए रेल नेटवर्क और अंतर्देशीय जलमार्गों पर माल ढुलाई के लिए मजबूत प्रयासों की आवश्यकता है।

सड़कों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी। हालांकि इन क्षेत्रीय गलियारों पर माल ढुलाई का लगभग 70 प्रतिशत सड़कों के जरिए होता है, परंतु अधिकांश भीड़-भाड़ वाले टू-लेन सड़कें हैं, जहां ट्रक 30 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे कम की रफ्तार से चलते हैं, और सड़कों के कुछ हिस्से बड़े वाहनों या कंटेनरों के चलने लायक नहीं हैं। यह बात विशेष रूप से उन पहुंच सड़कों के लिए सही है जो माल के "अंतिम गंतव्य" तक के परिवहन को धीमा और अक्षम बनाती हैं।

एक और बाधा विभिन्न जांच चौकियों के बीच बेमेल हैंडलिंग क्षमता है। जहां भारत की पेट्रापोल सीमा एक दिन में 750 ट्रकों को हैंडल कर सकती है, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश का बेनापोल पॉइंट उनमें से केवल 370 को ही क्लीयर कर सकता है।

BBIN Infographic

अत्यधिक लाभ मिलना है

ये उपाय मिलकर उप-क्षेत्र के देशों को भारी लाभ प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के साथ निर्बाध संपर्क बांग्लादेश की राष्ट्रीय आय को 17 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, जबकि भारत को 8 प्रतिशत का लाभ होगा। भूटान और नेपाल में भी इसी तरह के परिणाम देखने की उम्मीद की जा सकती है, जिससे पूरे क्षेत्र में मजबूत, लचीला और सतत विकास को गति मिलेगी।

और भारतीय ट्रक चालक श्री सिकदर और भी कई यात्राएं कर सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर आमदनी हो सकती है।

बीबीआईएन परिवहन सुधार की योजना को यूनाइटेड किंगडम के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा समर्थित एक ट्रस्ट फंड, प्रोग्राम फॉर एशिया कनेक्टिविटी ऐंड ट्रेड और ऑस्ट्रेलिया के विदेश व्यापार विभाग द्वारा समर्थित एक ट्रस्ट फंड, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय व्यापार सुविधा कार्यक्रम से फंडिंग मिली है।

सरकार ने Air India के लिए बोली लगाने की समय सीमा को दो महीने बढ़ाया, 30 जून तय किया

सरकार ने 2018 में भी एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हुई थी जिसके बाद जनवरी 2020 में इसके विनिवेश की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू की गई.

By: एजेंसी | Updated at : 29 Apr 2020 08:23 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया है. कोविड-19 कई समय सीमा विश्लेषण महामारी के चलते दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई है और इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया है. एयर इंडिया की नीलामी में बोलियां लगाने की समयसीमा को दूसरी बार बढ़ाया गया है. कर्ज में डूबी इस सरकारी विमानन कंपनी को बेचने की प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू की गई थी. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने एयर इंडिया की बिक्री के लिए अब संशोधित अभिरुचि पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 के चलते बने मौजूदा हालात में ‘‘आईबी (इच्छुक बोलीदाताओं) के अनुरोध के मद्देनजर’’ बोली लगाने की समय सीमा को बढ़ा दिया गया है. इससे पहले जब जनवरी में अभिरुचि पत्र जारी किया गया था, तब बोली की समय सीमा 17 मार्च थी, जिसे बाद में 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था. अब इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया है.

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डीआईपीएएम ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि इसके अलावा बोली में योग्य पाये गए बोलीदाताओं (क्यूआईबी) को उसकी सूचना देने की तारीख को भी दो महीने के लिए बढ़ाकर 14 जुलाई कर दिया गया है. इसमें कहा गया, ‘‘महत्वपूर्ण तिथियों के संबंध में यदि आगे कोई और बदलाव होता है, तो इस बारे में इच्छुक बोलीदाताओं को सूचित किया जाएगा.’’ कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं. इससे पहले सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेशकों द्वारा बोली जमा करने की तारीख को 13 जून तक बढ़ा दिया था. पहले यह समयसीमा दो मई थी. सरकार ने 2018 में भी एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हुई . उसके बाद जनवरी 2020 में एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू की गई. ये भी पढ़ें COVID-19: कोरोना से लड़ने के लिए ADB ने भारत को 1.5 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर किया

Published at : 29 Apr 2020 08:23 AM (IST) Tags: Air India Auction Air India flights Airline air india हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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