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वित्तीय बाजार क्या हैं

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Multibagger Stock: इस स्टॉक ने निवेशकों को किया मालामाल! 3 साल में 1 लाख के कर दिए 8 लाख, दिया ऐसा तगड़ा रिटर्न

जम्‍मू के पास एयरपोर्ट बनवा रहा कंगाल पाकिस्‍तान, बाजवा को सता रहा लश्‍कर के गढ़ पर वित्तीय बाजार क्या हैं भारत के हमले का डर!

नई दिल्ली:

शेयर बाजार में कई स्टॉक ऐसे हैं जिन्होंने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। वहीं कुछ ऐसे स्टॉक भी हैं जिसमें निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है। स्टॉक मार्केट में निवेशक करने के साथ धैर्य रखना भी जरूरी है। अगर सही समय पर स्टॉक में निवेश किया जाए तो तगड़ा रिटर्न मिलना तय वित्तीय बाजार क्या हैं है। आज हम आपको एक ऐसे ही स्टॉक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने निवेशकों को मालामाल बनाया है। इस स्टॉक ने निवेशकों को पिछले तीन वर्षों से लगातार अच्छा रिटर्न दिया है। निवेशकों को उम्मीद है कि ये स्टॉक आने वाले समय में और अच्छा रिटर्न दे सकता है। आईए आपको बताते हैं इस स्टॉक के बारे में।

निवेशकों को बनाया लखपति

निवेशकों को मालामाल करने वाला ये स्टॉक गोदावरी पावर एंड इस्पात (GPIL) का है। यह (Godawari Power & Ispat) रायपुर स्थित हीरा समूह की एक प्रमुख कंपनी है। इस स्टॉक ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया वित्तीय बाजार क्या हैं है। अगर तीन साल पहले इस स्टॉक (Godawari Power & Ispat) में किसी ने एक लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज उसे 8 लाख रुपये मिलते। मंगलवार यानी 22 नवंबर 2022 को इस स्टॉक की कीमत 302 रुपये के करीब चल रही है। तीन साल पहले की बात करें तो ये स्टॉक 36 रुपये के करीब था। बीते सोमवार को GPIL के शेयर 312.15 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे। बीएसई पर ये स्टॉक 39.30 रुपये या 14.40% की बढ़त के साथ 323.80 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। स्टॉक (Godawari Power & Ispat) ने दिन के दौरान कम से कम 18.67% की उछाल दर्ज की थी।

कंपनी कमा रही वित्तीय बाजार क्या हैं मुनाफा

जीपीआईएल का बाजार पूंजीकरण मौजूदा बंद भाव पर करीब 4,399.60 करोड़ रुपये है। वहीं मौजूदा बाजार मूल्य पर, जीपीआईएल का लाभांश प्रतिफल 3.5 फीसदी से अधिक है। अकेले FY22 में, GPIL ने अपने निवेशकों को 220 फीसदी 11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश दिया है। इस स्टॉक ने पिछले तीन वर्षों में अच्छा मुनाफा कमाया है। वित्तीय बाजार क्या हैं पिछले साल 21 नवंबर के स्तर की तुलना में जब यह लगभग 129 रुपये प्रति शेयर था। यह स्टॉक अब तक 141.86 प्रतिशत की भारी वृद्धि कर चुका है।

वित्तीय सलाहाकार की लें मदद

शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय बाजार क्या हैं अपने वित्तीय सलाहाकार की मदद जरूर लें। वित्तीय सलाहाकार से पूछे बिना किसी भी स्टॉक में निवेश करने से आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज बढ़ोतरी है.

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Nov 19, 2022 | 5:40 PM

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज बढ़ोतरी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शनिवार को यह जानकारी दी. हालांकि, मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 110 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. वैश्विक अस्थिरता के बीच आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के चलते यह कमी हुई है.

देश का सोने का भंडार भी बढ़ा

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 11 नवंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर हो गया है. 4 नवंबर को यह 529.99 अरब डॉलर के स्तर पर रहा था.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 11.8 अरब डॉलर बढ़कर 482.53 अरब डॉलर हो गईं हैं. वहीं, स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.64 अरब डॉलर बढ़कर 39.70 अरब डॉलर रहा है.

इससे पहले 21 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 117.93 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रहा था. आरबीआई ने सितंबर में शुद्ध आधार पर 10.36 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है. सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.5 के भाव से गिरकर 81.5 पर आ गया है. इससे पहले अक्टूबर में यह 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था. इसके बाद 21 अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच रुपया 2.3 फीसदी चढ़ा और शुक्रवार को 10 पैसे गिरकर 81.74 पर बंद हुआ.

RBI ने भी दिया था दखल

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है. आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है. अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है. केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है. केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने अभी तक रुपये के किसी स्तर को लेकर अपना कोई लक्ष्य नहीं दिया है.

आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था. यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है.

देश की आर्थिक हालात पर नजर रखें बैंक्स, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी सलाह

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के निजी और सरकारी क्षेत्र के बैंकों को देश की आर्थिक स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी है. उन्होंने बैंकों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की, जिसमें दास ने उसने यह बात कही है.

देश की आर्थिक हालात पर नजर रखें बैंक्स, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी सलाह

TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: Nov 17, 2022 | 12:40 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के निजी और सरकारी क्षेत्र के बैंकों को देश की आर्थिक स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी है. उन्होंने बैंकों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की, जिसमें Shaktikanta Das ने उनसे यह बात कही है. आरबीआई के गवर्नर ने बैंक के कर्जधारकों पर बढ़ती ब्याज दर और के असर और क्रेडिट और डिपॉजिट की ग्रोथ में बीच बड़े अंतर पर भी चर्चा की. बैठक में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन और आरबीआई के कुछ दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे.

दुनिया की बदलती स्थिति पर भी ध्यान रखने को कहा

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में बताया कि दास ने बैंकों को बदलती मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी है. उन्होंने बैंकों से वैश्विक घटनाओं पर नजर रखने और उसके मुताबिक कदम उठाने को कहा है, जिससे उनकी बैलेंस शीट पर किसी तरह के असर को कम किया सके और वित्तीय स्थिरता पर जोखिमों को रोका जा सके.

गवर्नर ने इस बात को माना कि कमर्शियल बैंकों ने मुश्किल समय में आर्थिक ग्रोथ को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि महामारी के शुरू होने के बाद से और वित्तीय बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच बैंकों ने अहम काम किया है. बयान के मुताबिक, दास ने आगे कहा कि चुनौतियों के बावजूद, भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत बना हुआ है और वह अलग-अलग मापदंडों पर सुधार को जारी रखे हैं.

बैंकों ने बढ़ती ब्याज दरों पर जताई चिंता

बैठक में शामिल बैंकों के प्रमुखों ने कर्जधारकों के लिए बढ़ती ब्याज दरों के संभावित असर को लेकर मुद्दे भी उठाए, खास तौर पर जो माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट में मौजूद हैं. बैंकों और गवर्नर ने क्रेडिट ग्रोथ, एसेट क्वालिटी, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, न्यू एज टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन्स और डिजिटल बैंकिंग इकाइयों के कामकाज पर भी चर्चा की है.

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आरबीआई गवर्नर दास ने बैंकों को यह सलाह ऐसे समय पर दी है, जब कई विकसित देश आर्थिक देश आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. कई देशों में महंगाई दशकों के सबसे ऊंचे स्तर पर है. इसके साथ ही अगले 12 महीनों में मंदी की संभावना से भी डर पैदा हुआ है. ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन जैसे वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ ने पहले ही अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और अन्य देशों में आर्थिक सुस्ती का पूर्वानुमान लगाया है.

Share Market: एशियाई बाजार में गिरावट, भारतीय मार्केट का क्या हाल?

Share Market: अमेरिका में महंगाई व खुदरा बिक्री के निराशाजनक संकेतों के बावजूद निवेशकों का उत्‍साह बना हुआ है.

Share Market: एशियाई बाजार में गिरावट, भारतीय मार्केट का क्या हाल?

सोमवार का दिन यानी हफ्ते की शुरुआत और हर कारोबारी की नजर शेयर बाजार (Share Market Prediction) पर. ये कोई नई बात नहीं, लेकिन नया ये है कि हर रोज बाजार में कुछ नया होता है, जिससे शेयर के दाम ऊपर नीचे होते हैं और कारोबार पर असर डालते हैं, तो आज बाजार कैसा रहने वाला है ये जानने से पहले देख लेते हैं कि पिछले कारोबारी सत्र में मार्केट कैसा रहा था.

बीते हफ्ते शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था, तो निफ्टी में मामूली 42 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 18307 के स्तर पर बंद हुआ. जबकि सेंसेक्स 61,663 पर बंद हुआ, पिछले हफ्ते 16 नवंबर को सेंसेक्स 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर 62,052 अंक तक पहुंच गया था.वित्तीय बाजार क्या हैं

वैश्विक संकेतों को देखें तो शेयर बाजार में आज थोड़ी सुस्ती देखने को मिल सकती है.

यूरोपीय बाजारों का क्या हाल?

अमेरिका में महंगाई व खुदरा बिक्री के निराशाजनक संकेतों के बावजूद निवेशकों का उत्‍साह बना हुआ है और वे जमकर खरीदारी कर रहे हैं. पिछले कारोबारी सत्र में NASDAQ पर 0.01 फीसदी का उछाल देखा गया था.

यूरोपीय बाजारों में भी सत्र के दौरान तेजी दिखी. यूरोप के ज्‍यादातर शेयर बाजार हरे निशान पर बंद हुए. जर्मनी के स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर पिछले सत्र में 1.16 फीसदी का उछाल दिखा तो फ्रांस का शेयर बाजार 1.04 फीसदी की तेजी पर बंद हुआ. लंदन का स्‍टॉक एक्‍सचेंज भी 0.53 फीसदी की बढ़त बनाने में कामयाब रहा है.

एशियाई बाजारों में आज गिरावट

एशिया के शेयर बाजार गिरावट पर खुले हैं और लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. सिंगापुर स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 0.32 फीसदी की गिरावट है. जापान का निक्‍केई 0.01 फीसदी की मामूली उछाल पर कारोबार कर रहा है. हांगकांग के मार्केट में 1.88 फीसदी की बड़ी गिरावट है. दक्षिण कोरिया के कॉस्‍पी पर भी आज 1.09 फीसदी का नुकसान दिख रहा है. ताइवान का शेयर बाजार 0.12 फीसदी की वित्तीय बाजार क्या हैं बढ़त पर कारोबार कर रहा.

Mumbai : दशहरा के अवसर पर आज सभी वित्तीय बाजार बंद

BSE (File)

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