शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है?

आपको सबसे पहले अपने दिमाग में एक वित्तीय उद्देश्यों को रखें, यानी सबसे पहले यह तय करें कि आपको लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करना है या शॉर्ट टर्म निवेश करना है।
शेयर मार्केट क्या होता है और कैसे सीखें? What शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? is share market in hindi
लोग कहते है पैसा ही सब कुछ नहीं होता! हाँ, बिल्कुल सही बात है पैसा ही सब कुछ नहीं होता, पैसे से सब कुछ नहीं खरीदा जा सकता लेकिन पैसा जरुरतें पूरी करता शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? है और जब तक आप जिन्दा है जरुरतें पैदा होती रहेगी। इसलिए पैसा कमाने के बारे में सोचते रहिये।
Table शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? of Contents
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट क्या होता है?
शेयर मार्केट को ही स्टॉक मार्केट कहते है। भारत में शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? दो शेयर मार्केट है NSE तथा BSE
BSE में 5000 से अधिक कंपनियां जुड़ी हुई है।
NSE में 1000 से ज्यादा कंपनियां जुड़ी हुई है।
शेयर मार्केट में इन जुड़ी हुई कंपनियों की हिस्सेदारी बेची जाती हैं लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि जब व्यक्ति कोई कंपनी खुद बनाता है तो उसकी हिस्सेदारी दूसरे लोगो को क्यों बेचता है।
चलिए इसे उदाहरण के द्वारा समझते है
मान लीजिए कि एक बड़ी कंपनी है जो साल भर में करोड़ों रुपये कॉल बिज़नेस करती है लेकिन अब वह कंपनी और आगे बढ़ना चाहती है जिसके लिए उसे और ज्यादा सामान मैनुफैक्चर करना पड़ेगा लेकिन ऐसा करने के लिए उसे करोड़ो या अरबों रुपए कि जरुरत है।
शेयर खरीदने का क्या मतलब होता है?
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने का मतलब है कि आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन गए हैं। अगर भविष्य में वह कंपनी मुनाफा कमाती है तो उसमें आपको भी पैसा दिया जाता है। यह पैसा आपके शेयर मार्केट वाले अकाउंट में आ जाता है।
उदाहरण के तौर पर अगर आपने 2001 में रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक बनाने वाली कंपनी “आयशर मोटर्स” (Eicher Motors) के ₹50,000 के शेयर खरीदे होते तो आज वो ₹50,000 बढ़कर एक 7 करोड़ से भी अधिक हो गए हैं। 20 साल में आपको 50 हजार रुपए के बदले 7 करोड़ रुपए मिलते।
ये हैं शेयर मार्केट की असली ताकत और इसके लिए आपको कुछ भी काम नहीं करना पड़ता।
आपको इतना अधिक पैसा इसलिए मिलता क्योकि कंपनी के शेयर के भाव या दाम बढ़ गए है। कंपनी के शेयर के भाव इसलिए बढ़ गए क्योंकि “आयशर मोटर्स” (Eicher Motors) ने अच्छी गाड़ी बनाई जिनकी मार्केट में काफी डिमांड है। इसलिए उसके शेयर की डिमांड बढ़ जाती है और डिमांड बढ़ने पर पैसा भी बढ़ जाता है।
शेयर से आपका क्या तात्पर्य है और यह कैसे काम करता है?
What do you mean by shares and how does it work?
एक शेयर को किसी कंपनी या वित्तीय परिसंपत्ति में ब्याज के स्वामित्व की इकाई के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सरल शब्दों में, जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण करता है, तो वे उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं। ये शेयर जोखिम का एक तत्व लेकर चलते हैं लेकिन उच्चतम रिटर्न देते हैं।
उदाहरण के लिए: यदि किसी कंपनी के 10,000 शेयर बकाया हैं और किसी व्यक्ति ने उस कंपनी के 1,000 शेयर खरीदे हैं, तो यह माना जाएगा कि वह उस कंपनी की संपत्ति का 10% हिस्सा होगा। (1,000 / 10,000 = 10%)
ऐसे शेयरों के मालिकों को शेयरधारकों के रूप में जाना जाता है।
शेयर मार्केट से हुई कमाई पर कैसे बनती है टैक्स की देनदारी, जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब
taxation on Share Selling : सैलरी, किराये और बिजनेस से होने वाली आय पर इनकम टैक्स लगता है. लेकिन क्या शेयरों की खरीद-बिक्री और इस पर होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स लगता है? जी हां, शेयरों की खरीद-बिक्री और इससे होने वाले लाभ पर टैक्स लगता है. शेयरों की बिक्री से होने वाली आय या घाटा ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long term Capital gains tax)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है. शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर उसे टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी. लेकिन 2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है , इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.
Demat Account क्या होता है ?
Demat Account वह एकाउंट होता है जिसमे हम अपने पैसे को रख सकते हैं ठीक उसी प्रकार जैसे हम अपने बैंकों में पैसों को सुरक्षित रखते हैं ।
Demat शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? Account Share Market में पैसे लगाने के लिए यूज होता है हमारे Saving Account में जितने जमा पैसे होते हैं उन्हें इनमें लगाने होते हैं यहां से आप Share Market में पैसे लगा सकते हैं और जो भी Profit होगा वो हमारे Account में आ जायेगा ।
Demat Account का एक फायदा यह भी है इसमें जो पैसे हम Invest करते हैं उससे Related सभी Securities (Mutual Fund , Government Securities , Shares) इन सभी को Electronic Form में एक साथ रख सकते हैं ।
Demat Account कैसे खोले ?
Demat Account खोलने के लिए सबसे पहले हमें अपने Bank Account की KYC करने की जरूरत होगी , यह Account हमारे सारे Funds और Shares को Manage करता है और जो Fund आदि हम Buy करते हैं उससे Related सारी जानकारी देता है हम Demat Account ठीक उसी प्रकार से Open कर सकते हैं जैसे हम Bank में सामान्य खाता खुलवाते हैं ।
Trading Account का Use करके हम हमारे Shares या Business को खरीद और बेच सकते हैं। आप इसे ब्रोकर के पास भी खुलवा सकते हैं वो आपके एकाउंट को Manage कर सकता है , Online होने के कारण आप इसे कभी भी देख सकते और शेयर्स खरीद व बेच सकते हैं ।
Demat Account और Trading Account के लिए important Documents :-
इन खातों को खोलने के लिए हमारे पास मुख्य रूप से जो Documents होने चाहिए वह है-
- एड्रेस प्रूफ
- पैन-कार्ड
- 2 पासपोर्ट साइज फोटो
- कैंसिल शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? चेक
- इनकम प्रूफ
आपको इन सभी डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी देनी होती है और साथ ही साथ Verification के लिए Original शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? डाक्यूमेंट्स भी मांग सकते हैं Verification होने के बाद आपका Trading Account बन जायेगा और आप Share Market में Trading कर सकते हैं
Share Market में भाव कैसे change होता है ?
दोस्तों अब आपको Share Market की गणित समझ आने लगी होगी अभी ऊपर हमने आपको IPO (Initial Public Offering) के बारे में बताया था, IPO जब पूरा हो जाता है। तो Shares का दाम Market में उसकी Demand और Supply के अनुसार Change होता रहता है । अगर Shares खरीदने वालों की गिनती बेचने वालों से ज्यादा है, तो Shares के दाम बढ़ेंगे और अगर बेचने वालों की गिनती खरीदने वालों से ज्यादा हुई तो Shares के दाम घट जाएंगे।
Sensex :- Sensex शब्द की बात करें तो यह Sensitive और Index शब्द से बना है यह Bombay Stock Exchange का पॉइंट है , इसका निर्धारण BSE में जो Company Registered होती हैं। उनके Market के कंपनियों के कुल मूल्य के आधार पर किया जाता है इसके भाव (Price) रोज बदलते रहते हैं यह भारत में सबसे पुराने Share Market में से एक है।
आसान शब्दों मे कह सकते हैं कि अगर Sensex बढ़ता है तो BSE में Registered Company अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अगर गिरता है तो Performance खराब कर रही हैं ।
शेयर कैसे खरीदें ?
सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों को ध्यान में रखना है। यहाँ हमनें कुछ टिप्स बताए हैं, जो एक निवेशक के लिए निवेश करने से पहले दिमाग में रखना जरूरी है।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें।
मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें।
सही कीमत पर शेयर खरीदें।
समय-समय पर निवेश करें सेबी के नियमों का पालन करें चलिए
अब इन सब पर एक-एक करके चर्चा करते हैं।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें – Keep your financial objectives in mind
शेयर खरीदने के नियम में सबसे पहला नियम या टिप्स यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इसका मतलब है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
यदि आप शॉर्ट-टर्म यानी कम अवधि में के जरिये रिटर्न प्राप्त करना चाहते है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।
सही कीमत पर शेयर खरीदें – buy shares at the right price
उस कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है जो आप देने में सक्षम हो। हो सकता है कि आप ऐसे शेयर को ढूंढ रहे हो जो बहुत लोकप्रिय है और जिसे दूसरे लोग खरीद रहे हैं।
लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। जो शेयर आपके बजट में फिट नहीं बैठता, आप उसे छोड़ दें।
सही समय की प्रतीक्षा करें और उस स्टॉक को चुनें, जो आपके बजट में फिट हो और आपको लाभ भी दे। इसके अलावा, जब आपको लगे कि आप अपना स्टॉक बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है
तब आपको शेयर बेच देने चाहिए। शेयर की कीमत को कुछ और बढ़ाने के लिए इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।
लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।
सेबी के नियमों का पालन करे – Follow SEBI rules
शेयर मार्केट की रेगुलेटरी बॉडी ने 1 सितंबर 2020 से शेयर खरीदने और शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? बेचने के नियमों में भारी बदलाव किए हैं। एक तरफ जहां इन नियमों के कारण निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर शेयर खरीदना मुश्किल हो गया है।
जैसा कि आपको पता है कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? पैसों के साथ घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।
आपको पता है कि निवेशक अपने ब्रोकर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहाँ ब्रोकर उनके शेयर के साथ मनमानी करते थे और निवेशकों शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? की बिना सहमति के शेयर्स का इस्तेमाल करते थे।
लेकिन अब सेबी के नए में शेयर आपके डीमैट खाते में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इस तरह ब्रोकर के अकाउंट में आपके शेयर नहीं जाएंगे।