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क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत

क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत
Bitcoin Cash Price Prediction & Price History full Explained 2022 पर हमने विस्तार से बात की है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को आगाह किया है.

Cryptocurrency latest News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो निवेशकों को चेतावनी दी है. वित्त मंत्री ने बीजेपी इकोनॉमिक सेल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जनता और उद्यमियों को आगाह करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है. कार्यक्रम के क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत दौरान उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार पहले ही चेतावनी दे चुकी है. क्रिप्टोकरेंसी पर हमें सावधानी से आगे बढ़ना होगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक नया कानून जल्द ही लाया जायेगा.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खाते हुए फ्रीज

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की जांच की है. इस दौरान एजेंसी ने कम से कम दो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की संपत्ति को फ्रीज भी कर लिया है. अकाउंट फ्रीज होने का मतलब होता है कि प्रवर्तन निदेशालय की मंजूरी के बिना कंपनी कोई लेन-देन नहीं कर सकती. ईडी ने 5 अगस्त को वज़ीरक्स (wazirx) की 8 मिलियन डॉलर की बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया था और पिछले हफ्ते वॉल्ड (Wauld) क्रिप्टो के बैंक खाते और लगभग 46 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो संपत्ति को फ्रीज किया गया था.

वॉल्ड (Wauld) क्रिप्टो एक्सचेंज ने दिया जवाब

ईडी के आरोपों पर वॉल्ड ने बयान जारी किया उसने बताया कि ईडी के साथ हमने पूरा सहयोग किया और जुलाई में समन मिलने के बाद सभी आवश्यक जानकारी और दस्‍तावेज जमा किए है. हम बताना चाहते है कि हम केवायसी(KYC) के सभी डॉक्यूमेंट कस्‍टमर से लेते है. कंपनी ने कहा, हम अपने ग्राहकों और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई और कानूनी सलाह ले रहे हैं.

आरबीआई ने कहा था क्रिप्टोकरेंसी पर आए नियम

निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सुझाव दिया था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियम बनाएं. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगानी है तो सरकार को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत होगी. उन्होंने आगे कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर समान मानक बनाने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम

क्रिप्टोकरेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

पिक्साबे से ग्राफिक

यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.

तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं.

ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है

आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.

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ऐसी ही एक करेंसी है एनएफटी यानी नन फंजिबल टोकन यानी एक ऐसा टोकन जिसकी कॉपी न हो सके. इसे बेचा और ट्रेड किया जा सकता है. यह इरिथियम ब्लॉकचेन का ही हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने से यह हर किसी के बस का नहीं. दिलचस्प बात यह है कि ये कलाकृतियों के लिए इन दिनों बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं. कई कलाकारों का भाग्य इनकी वजह से ही चमक गया है. उनकी पेंटिंग्स वगैरह की अब कीमत मुंहमांगी मिल रही है.

सरकारों के सामने बड़ी चुनौती

क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.

बॉलीवुड हस्तियां आईं क्रिप्टो करेंसी के साथ

भारत में यूं तो क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आ गई है लेकिन अभी इसमें कोई खास तेजी नहीं आई है. निवेशक अभी थोड़ी ही रुचि दिखा रहे हैं. हां, उन्हें बटकॉयन की आसमान छूती कीमत ललचा भी रही है. सही समझ के अभाव में ज्यादातर अभी इससे दूर ही हैं. लेकिन अब क्रिप्टों करेंसी की कुछ कंपनियां चाहती हैं कि धनतेरस, दीवाली में लोग सोने की बजाय क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी करें. इसके लिए उन्होंने बॉलीवुड की कुछ मशहूर हस्तियों को अपने साथ लिया है और उनके विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. क्रिप्टो एक्स्चेंज कॉयन स्विच कुबेर और कॉयन डीसीएक्स को निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं और भारतीयों को धनतेरस जैसे पर्व पर निवेश करने को कहलवा रही हैं. इन विदेशियों का मानना है कि सलेब्रिटी इंडोरसमेंट से भारत में क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी. बॉलीवुड हस्तियों में अमिताभ बच्चन का मामला कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है. उन्होंने पहले तो रिजर्व बैंक की तरप से बैंक फ्रॉडों से बचने की सलाह का विज्ञापन किया और उसके बाद कॉयनडीसीएक्स की पब्लिसिटी भी की.

क्रिप्टो करेंसी के लिए विदेशों में सलेब्रेटी इंडोरसमेंट सामान्य सी बात हो गई है. फुटबॉल के नामी खिलाड़ी टॉम ब्रैडी, मॉडल जीसेल बंडचेन, पेरिस हिल्टन, किम कार्दश्यान जैसी हस्तियों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए पब्लिसिटी की है. एक सर्वे के मुताबिक वहां 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हस्तियों के कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करेंगे.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करें न करें यह आप के विवेक पर निर्भर करता है. यहां ध्यान रखिये कि इलेक्ट्रॉनिक मनी जितनी तेजी से आती है उतनी ही तेजी से जाती है. क्रिप्टो करेंसी स्वतः चलने वाली करेंसी है और यह लाखों कंप्यूटरों से होकर गुजरती है. इसमें कोई ठोस आधार नहीं है, न ही इसके पीछे कोई वित्तीय संस्थान है. ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब एलन मस्क ने क्रिप्टो करेंसी पर संदेह जताया था तो उसके भाव औंधे मुंह गिर गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने एक अरब डॉलर से भी ज्यादा पैसा इसमें लगा दिया तो फिर इसमें तेजी आ गई. इसलिए इसमें पैसा लगाने के पहले सोचना जरूरी है. एक बार अगर सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो गई तो फिर यह औंधे मुंह गिर जाएगी. या फिर किसी बड़े हैकर ने अगर इसमें अपना पेंच फंसा दिया तो वह चारों खाने चित्त हो जाएगा.

Bitcoin Cash Price Prediction & Price History Hindi 2022

आपने Bitcoin के बारे में तो सुना ही होगा आज हम बात करने वाले हैं बिटकॉइन का अल्टरनेटिव क्वाइन Bitcoin Cash, जिसे बिटकॉइन के डेवलपर्स ने ही बनाया हुआ है, जी हां बिटकॉइन कम्युनिटी में थोड़ी-बहुत नोकझोंक की वजह से उसके ब्लॉकचेन में कुछ अपडेट करके बिटकॉइन कैश को बनाया गया आज की क्रिप्टो कॉइन की सीरीज में हम बात करने वाले हैं बिटकॉइन कैश की, जानेंगे कि 2017 में बना हुआ कॉइन इतना प्रसिद्ध कैसे हो गया?

इसे किस समस्या के समाधान के लिए बनाया गया? इसकी कीमत कितनी है? किन लोगों ने बनाया? भविष्य में Bitcoin cash को लेकर के क्या संभावनाएं हैं, Bitcoin Cash Price Prediction & Price History. विस्तार से हर एक मुद्दे पर बात करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं.

Bitcoin Cash Kya Hai?

सबसे पहली बात बिटकॉइन कैश और बिटकॉइन दो अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं, Bitcoin cash का सिम्बल है BCH और Bitcoin का सिंबल है BTC.

जैसा कि हमने आपको शुरू में ही बताया कि बिटकॉइन कैश का निर्माण बिटकॉइन के ब्लॉकचेन में ही अपग्रेड करके किया गया, ऐसी प्रक्रिया को क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में इसे Forks नाम से जाना जाता है इसलिए बिटकॉइन कैश जो है, बिटकॉइन के फोर्क से बनी क्रिप्टो करेंसी है। मोबाइल फोन के एप्लीकेशन की तरह ही Low Cost, Efficient या Fast करने के लिए समय-समय पर अलग-अलग कार्यशीलता ब्लॉकचेन में जोड़ दी जाती है,

अपडेट के माध्यम से और फिर इस क्रिप्टो करेंसी की कम्युनिटी में अपडेट को लेकर मतभेद हो जाने से तो वहां से ब्लॉकचैन दो भागों में बंट गया, अब जो लोग उस के सपोर्ट में थे वह लोग नए वाले ब्लॉकचेन की तरफ आ जाएंगे और जो लोग उस फीचर के विरोध में थे वह लोग पुराने वाले ब्लॉकचेन के साथ ही रहेंगे नए वाले ब्लॉकचेन अर्थात अपडेटेड ब्लॉकचेन को Original Blockchain Fork कहलायेगा।

बिटकॉइन कैश भी अगस्त 2017 में बनाया हुआ बिटकॉइन का फोर्क है, इसे आप बिटकॉइन का छोटा भाई भी कह सकते हैं।

वैसे तो बिटकॉइन के 100 से ज्यादा Fork हैं लेकिन बिटकॉइन कैश उनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित और सफल फोर्क है, अब सवाल यह उठता है कि Bitcoin cash को बनाने की जरूरत क्या थी?

Bitcoin Cash क्यों बनाया गया?

देखिए इस करेंसी को बनाने के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प इतिहास है 2009 में जब बिटकॉइन का ब्लॉकचेन बना था तब एक ब्लॉक का आकार हुआ करता था 100 KB और उस समय एवरेज ट्रांजैक्शन फीस थी 2 सेंट्स के आसपास तब बिटकॉइन का ब्लॉक इतना सिक्योर भी नहीं हुआ करता था, जितना आज है, धीरे-धीरे नए अपडेट होते रहे और 2015 में एक ब्लॉक का साइज 500 KB बढ़ा दिया गया कुछ दिनों बाद एक ब्लॉक का साइज 1 MB कर दिया गया

लेकिन 2017 में जब ब्लॉक्स की साइज को और क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो बिटकॉइन कम्युनिटी दो हिस्सों में बट गई ,कुछ लोग इसके पक्ष में थे और कुछ लोग इसके विरोध में थे। बातों ही बातों में यह मतभेद इतना बढ़ गया कि इस दौर को क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में सिविल वार कहते हैं, अंततः सिविल वार का फैसला यह आया कि ब्लॉक्स के साइज को हम बढाएंगे नहीं लेकिन जो बदलाव हम करना चाहते हैं, उसे एक नई क्रिप्टो करेंसी लांच करके किया जाएगा। इसी निर्णय के अनुसार नई क्रिप्टोकरेंसी लांच की गई जिसका नाम है, Bitcoin Unlimited और उसके ब्लॉक्स का साइज बढ़ा दिया गया

लेकिन कुछ ही दिनों बाद बिटकॉइन अनलिमिटेड हैक हो गया तो उससे ढेर सारी समस्याएं आने लगी, बिटकॉइन कम्युनिटी औऱ बिटकॉइन डेवलपर्स ने अगस्त 2017 में उसके ब्लॉक को और बढ़ा दिया और एक नई क्रिप्टो करेंसी लांच कर दी जिसका नाम रखा Bitcoin Cash. देखिए हमने आपको पहले ही बताया कि बिटकॉइन के एक ब्लॉक्स का साइज 1 एमबी तक ही सीमित है और उसकी कॉस्ट भी ज्यादा है साथ ही स्पीड भी कम है लेकिन 2017 में जब बिटकॉइन कैश को लांच किया गया

तो इसके ब्लॉक साइज को बिटकॉइन के ब्लॉक साइज से 8 गुना बड़ा बनाया गया मतलब बिटकॉइन कैश का ब्लॉक साइज 8 एमबी का बनाया गया, 2018 में इसे 4 गुना बढा करके 32 एमबी कर दिया गया अर्थात आज बिटकॉइन कैश का एक ब्लॉक का साइज 32 एमबी का है।

Bitcoin Cash Price Prediction aur Price History

Bitcoin Cash Price Prediction & Price History full Explained 2022 पर हमने विस्तार से बात की है

बड़े ब्लॉक्स बनाने का तर्क यह था कि जितने बड़े ब्लॉक्स होंगे उतना जल्दी ही ट्रांजैक्शन एक साथ वैलिडेट हो जाएंगे दूसरे शब्दों में कहें क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत स्पीड तेज होगी तो अधिक ट्रांजैक्शन में ट्रांजैक्शन फीस भी ज्यादा लोगों में बट जाएगी, जिससे ट्रांजैक्शन फीस कम लगेगी.

जैसे- बिटकॉइन का एक ब्लॉक 1000 से डेढ़ हजार ट्रांजैक्शन ही संभाल सकता है वहीं Bitcoin Cash का एक ब्लॉक 25000 से ज्यादा ट्रांजैक्शन संभाल सकता है, यह संख्या 2018 की है लेकिन ऐसा नहीं है कि बिटकॉइन कैश और बिटकॉइन दोनों बिल्कुल ही अलग है, अगर ब्लॉक साइज को छोड़ दिया जाए तो इन दोनों में बहुत सारी समानताएं भी हैं आइए जान लेते हैं कि बिटकॉइन और बिटकॉइन कैश में क्या समानताएं हैं?

बिटकॉइन और बिटकॉइन कैश में क्या समानताएं हैं?

● बिटकॉइन कैश और बिटकॉइन दोनों पियर टू पियर Cryptocurrencies हैं.

● दोनों लेनदेन को डिसेंट्रलाइज्ड करती हैं.

● दोनों का मैक्सिमम सप्लाई 21 मिलियन Coins है

● दोनों ही नए सिक्कों की माइनिंग के लिए प्रूफ आफ वर्क मैकेनिज्म का इस्तेमाल करते हैं.

● यह दोनों दुनिया के सबसे बड़े माइनर्स BITMAIN कि सर्विस को भी शेयर करते हैं।

अब बारी है कि बिटकॉइन कैश को बनाने वाले लोग कौन हैं?

Bitcoin Cash के Team & Founder कौन हैं?

बिटकॉइन कैश को बनाने वाले, वही लोग हैं जिन्होंने बिटकॉइन का निर्माण किया है अर्थात सतोशी नाकामोतो लेकिन बिटकॉइन कैश को बनाने में सबसे ज्यादा भूमिका निभाई है तो वह है बिटकॉइन कम्युनिटी और BITMAIN के डेवलपर्स ने, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम है.

Rogers Ver जोकि बिटकॉइन के बड़े इन्वेस्टर और प्रमोटर भी है. यह खुद को बिटकॉइन जीसस भी बुलाते हैं और अब बिटकॉइन कैश को भी प्रमोट करते हैं, वर्तमान में Rogers Ver Bitcoin Cash के CEO भी हैं।

JIHAN Wu 2020 में Forbes के अनुसार टॉप यंगेस्ट बिलेनियर रहे हैं, यह भी बिटकॉइन कैश को सपोर्ट करते हैं।

Bitcoin Cash Price Prediction & Price History.

अगर बिटकॉइन कैश की प्राइस हिस्ट्री की बात करें तो इसके दामों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, 1 Bitcoin cash की वैल्यू शुरुआत में 1अगस्त क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत 2017 को 31 हजार 5 सौ 17 रुपये थी और पहले ही महीने के अंदर 1 बिटकॉइन कैश की कीमत 15,700 रुपये से ले करके 80,800 रुपए के बीच में उतार चढ़ाव देखने को मिली.

1 दिसंबर 2017 में 74,00 से 3,22,000 मूल्य देखने को मिला, आप इसे बिटकॉइन कैश के दाम के नजरिए से गोल्डन मंथ भी कह सकते हैं क्योंकि इसके बाद इससे ज्यादा Bitcoin cash की कीमत फिर कभी नहीं पहुंची, 2018 शुरुआत में इसकी कीमत 88,000 के इर्द-गिर्द रही लेकिन 2018 के अंत तक इसकी कीमत कम होती रही और दिसंबर 2018 में एक समय ऐसा भी आया जब एक BTH कि कीमत 5,700 रुपए से 12,700 रुपए के आसपास देखा गया।

बिटकॉइन कैश की इतनी वैल्यू कम होने की वजह, इसकी कम उपलब्धता थी फिर पूरे 2019 में इसकी कीमत 14,800 के आसपास रही और 2020 में फिर इसकी वैल्यू ऊपर जाने लगी और मई 2021 में इसकी कीमत फिर एक बार 98,600 तक देखने को मिली तथा 22 अप्रैल 2022 को इसकी 1 Coin की कीमत 25,822 रुपए के आसपास रही वही इसके भविष्य की बात की जाए तो बिटकॉइन कैश की टोटल सप्लाई 91% कॉइन क्रिप्टो मार्केट में निकाले जा चुके हैं

इसी को देखते हुए क्रिप्टो एक्सपर्ट के अनुसार बिटकॉइन कैश का प्राइस 2025 तक अपने all-time हाई अर्थात 3,22,00 से भी ऊपर 5 लाख रुपए तक भी पहुंच सकता है इसलिए अगर आज अगर इस कोइन को आप खरीद कर रखते हैं तो अभी 2022 में आपको ₹25000 में एक Bitcoin Cash मिल जाएगा और आने वाले 3 सालों में 5 लाख तक पहुंच सकता है क्योंकि इसके Coins की सप्लाई जल्द ही पूरी होने वाली है और जब सारे कॉइंस बन जाएंगे तथा तब मार्केट में Bitcoin Cash की डिमांड बढ़ेगी तो स्वाभाविक है कि प्राइस तो आसमान छूने ही हैं।

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?

क्रिप्टो करेंसी

भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.

यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.

क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.

इमेज स्रोत, BEATA ZAWRZEL/NURPHOTO VIA GETTY IMAGES

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.

हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.

वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."

भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."

भारतीय बड़ी संख्या में क्रिप्टो करेंसी ख़रीद रहे हैं लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक डाटा नहीं है. वे पर्याप्त लाभ कमाने के मौक़े को छोड़ना नहीं चाहते हैं.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले एक व्यक्ति बिना नाम सार्वजनिक किए हुए कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि अगर कोई प्रतिबंध लगने वाला है तो मैं उसके होने से पहले अच्छा लाभ कमाऊं. मैं पैसा बनाने का मौक़ा छोड़ना नहीं चाहता हूं."

12 साल में 36 पैसे का Bitcoin हुआ 41 लाख रुपये के पार, क्या अब करेंगे इन्वेस्टमेंट?

Cryptocurrency: डिजिटल करेंसी पर फ्रेमवर्क की खबरों के बीच WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी आश्वस्त हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करेगी

  • प्रियंका संभव
  • Publish Date - April 27, 2021 / 08:37 PM IST

12 साल में 36 पैसे का Bitcoin हुआ 41 लाख रुपये के पार, क्या अब करेंगे इन्वेस्टमेंट?

आज से 12 साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 36 पैसे का मिलने वाला एक बिटकॉइन कभी 50 लाख रुपये को भी पार कर जाएगा. फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत 41 लाख रुपये के करीब है लकिन इस तेजी की वजह क्या है? जिनके पास क्रिप्टोकरेंसी नहीं है उन्हें लगता है कि निवेश की ये गाड़ी छूट गई है तो वहीं जिनके पास है वे सरकार के फ्रेमवर्क बनाने की खबरों को इसपर लटकती तलवार मान रहे हैं – कइयों में डर है कि सरकार इसपर प्रतिबंध लगा सकती है. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लैटफॉर्म वज़ीरएक्स (WazirX) के फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक भारत सरकार डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रहीं है लेकिन वे हर तरह से आश्वस्त हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करेगी.

इस भरोसे के पीछे वो दो वजह बताते हैं – इसे 1 करोड़ से ज्यादा भारतीयों ने खरीदा हुआ है और हमारे देश में 10,000 से 15,000 करोड़ का इसमें कारोबार हो रहा है. शेट्टी के मुताबिक दूसरी वजह ये है कि जब विश्व के सभी देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में जुटे हैं तो ऐसे में भारत अलग-थलग नहीं होना चाहेगा. उन्हें पूरा विश्वास है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्टेकहोल्डर्स से भी इसमें बातचीत की जाएगी.

क्या क्रिप्टोकरेंसी एक निवेश विकल्प है?

क्रिप्टोकरेंसी निवेश के लिए एक नया और उभरता ट्रेंड है. रिटर्न के फ्रंट पर अभी ये सारे ही फाइनेंशियल एसेट जैसे कि इक्विटी, डेट और गोल्ड को मात दे रहा है . लेकिन बड़े रिटर्न का मतलब है रिस्क भी बड़ा. इसलिए कीमतों मे बढ़त के साथ गिरावट के लिए भी तैयार रहिए. 2018 में 20,000 डॉलर के स्तर से इसने नीचे की तरफ 3,000 डॉलर के स्तर तक गोता लगाया था. शेट्टी के मुताबिक किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के पहले उसके बारे में खुद से रिसर्च करें, उसके बारे में पता करें. जिस प्लेटफॉर्म से खरीद रहें हैं उसकी जांच करना भी जरूरी है. निवेश से पहले होमवर्क जरूरी है – पता करें कि कौन है जो इसे चला रहा है क्योंकि कई अन-वेरिफाइड प्लैटफॉर्म भी बाजार में हैं.

क्रिप्टोकरेंसी की मांग क्यों है?

पूरी दुनिया में केवल 21 मिलियन बिटकॉइन (Bitcoin) है और इस सीमित सप्लाई की वजह से इसकी डिमांड जैसे बढ़ेगी वैसे कीमत चढ़ेगी. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित इस डिजिटल करेंसी का आधार टेक्नॉलिजी है.निश्चल के मुताबिक इसमें निवेश करने का मतलब कहै कि आप भविष्य की टेक्नॉलिजी पर भरोसा कर रहें हैं .

क्या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए जेब में लाखों रुपए होने चाहिए ?

बिल्कुल भी नहीं. आप बस 100 रुपए का भी क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं. बस 100 रुपए की खरीदने में आपको एक बड़े एसेट का छोटा सा अंश मिलेगा लेकिन इस नई करेंसी के समझने के लिए 100 रुपए से शुरुआत की जा सकती है .

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