फोरेक्स रणनीति

स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट

Advance concepts relating to stock market (Hindi)

शेयर बाज़ार को समझने से आपको अपनी वेल्थ को बढ़ाने मे मदद मिलेगी और आपको लॉन्ग टर्म मे शानदार रिटर्न अर्जित करने का मौका मिलेगा। इस कोर्स के माध्यम से आप ये समझ सकते हैं कि कैसे एक अच्छी इन्वेस्टिंग स्ट्रेटजी बनाई जाती है। इस कोर्स मे सभी चीजों के साथ साथ एडवांस्ड मटेरियल भी शामिल है जो आपको कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निवेश करने मे मदद करेगी।

Course Outline

  • सेक्टोरल एनालिसिस
  • क्या करे और क्या नहीं
  • स्टॉक चुनने के एडवांस तकनीक
  • विभिन्न स्थितियों मे शेयर बाज़ार कैसे रिएक्ट करता है।

About Course

जब भी आप शेयर मार्केट के बारे मे सुनते हैं तो क्या आप इसे अपने आप जोखिम भरा और असुरक्षित कहते हैं ? क्या आपकी शेयर बाज़ार से जुड़ी हर जानकारी आपके रिशतेदारों, टेलिविजन और फिल्मों मे सुनी बातों पर आधारित है? तो क्या आप अपनी वेल्थ को बढ़ाने के लिए शेयर बाज़ार के बारे मे अच्छे से और सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं?यदि हाँ तो यह कोर्स शेयर बाज़ार के बारे मे आपके कंसेप्ट को क्लियर करने मे आपकी मदद करेगा जो इसके जोखिम भरे और असुरक्षित होने के मिथकों को दूर करेगा।

शेयर बाज़ार को समझने से आपको अपनी वेल्थ को बढ़ाने मे मदद मिलेगी और आपको लॉन्ग रन मे शानदार रिटर्न अर्जित करने का मौका मिलेगा। इस कोर्स मे हमने शेयर बाज़ार के कुछ कॉम्प्लेक्स कंसेप्ट पर चर्चा की है। हमने निवेश से जुड़ी हर बात जैसे तकनीक, एप्रोच, स्ट्रेटजी, इंडिकेटर और क्या नहीं करना चाहिए इन सभी बातों पर चर्चा की है। इसमे शेयर मार्केट मे क्या करना चाहिए और क्या नहीं इन बातों को भी बताया गया है। आप इसमे एडवांस स्टॉक-पिकिंग तकनीक के बारे मे भी जानेंगे। यह कोर्स आपको स्टॉक मार्केट के बारे मे जानने का और विभिन्न परिस्थितियों मे स्टॉक मार्केट यह कैसे रिएक्ट करता है यह समझने का एक शानदार जरिया है।

What you will get?

Course Syllabus

सेक्टोरल एनालिसिस

  • फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री
  • बैंकिंग इंडस्ट्री
  • इन्फ़र्मेशन टेक्नोलौजी
  • ऑटोमोबाइल
  • क्या MNCs अपने प्रॉफिट का सही हिस्सा निवेशकों को देते है?

क्या करें और क्या ना करें

  • क्या आपको आर्बिट्राज करना चाहिए?
  • फ़ायनैंशियल श्नैनिगंस
  • Derivatives (डेरिवेटिव्स)
  • बढ़ोतरी का पूर्वानुमान

स्टॉक्स चुनने की एडवांस तकनीकें

  • अच्छे स्टॉक आईडिया कैसे जनरेट करें ?
  • P/E Expansion
  • आयकर का निहितार्थ

Need answers? Find them here

What are the prerequisites required for this course?

There are no prerequisites for स्टॉक मार्केट the course. However, it would be helpful if you first watch “Beginner's guide to stock market” as it would help you understand the basics of investing.

What is the duration of this course?

This course falls under the marathon category and can be completed in a duration of 3 hrs.

What will be covered in this course?

In the course we have discussed sectoral analysis with examples of Banking and Pharmaceutical and Information Technology sectors. Further, we have discussed advanced stock picking techniques.

Do I need to install any specific software for this course?

No, you do not need to install any specific software for this course. However, it is advised for a user to have an active Internet connection and an updated web browser for a seamless learning experience.

What is the validity of this course?

Finology provides you with an opportunity to access all its tools and courses by subscribing to Finology One. Hence, you can access this course as long as your subscription of Finology One is active.

About Finology Quest

Quest is a 101 guide for anyone who wants to learn investing. The aim of these online finance courses is to make people financially literate and to make them understand the essential financial concepts स्टॉक मार्केट स्टॉक मार्केट and learn company analysis, so that one can know how to create & grow their wealth in the stock market.

Why choose Quest?

Quest will make you aware about investing and the secret to growing wealth. As against popular opinion, you do not always need to earn more money to be rich. In fact, financial awareness is the key to wealth creation & Quest will help you to make this journey simpler. The courses in Quest are easy to understand and explained using close-to-reality scenarios which makes learning fun and relatable. Plus, you can access it anytime and anywhere on the go, which is a cherry on the top!

For whom the Quest is?

Quest is for anybody who wants to enjoy learning finance and investing on the go. The aim of Quest is to make people financially aware. So, if you are someone making your babysteps into the markets, look no further. From personal finance to investing, Quest is your one-stop platform for almost everything finance!

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शेयर बाजार जुआ नहीं, स्टॉक मार्केट से जुड़े 5 मिथक जो बन सकते हैं नुकसान का कारण

Share Market: शेयर की कीमत गिरते ही उसे खरीदना फिर कीमत बढ़ते ही बेचना कितना सही है

क्या आपको भी शेयर मार्केट (Share Market) जुए (Gambling) की तरह लगता है? लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट से जुड़े ऐसे कई मिथक (Stock Market Myths) हैं जो शायद आपके नुकसान की वजह बन रहे होंगे. आपको पांच ऐसे मिथकों के बारे में बताते हैं जिन्हें आपको तोड़ना चाहिए.

पहला- शेयर मार्केट जुआ है

जुआ अलग चीज है. जुए में जीत हार की 50-50 चांस होती है और इस प्रोबेबिलिटी को आप नहीं बदल सकते. लेकिन शेयर मार्केट में स्ट्रेटेजी के साथ की गई इंवेस्टमेंट गेम ऑफ चांस नहीं होता. ये रिस्क और रिवॉर्ड पर बेस्ड है. शेयर मार्केट में नॉलेज और स्टॉक मार्केट स्किल मुनाफा बना सकता है. इंवेस्टर मार्केट ट्रेंड, पैटर्न्स, कंपनी फंडामेंटल्स जैसे बैलेंस शीट, प्रोफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट जैसी चीजों का एनालिसिस करे तो शेयर मार्केट में अपने मुनाफे और नुकसान को कंट्रोल कर सकता है. दिमाग और आंखों पर पर्दा डालकर इंवेस्ट करने वालों के लिए शेयर मार्केट जुआ ही है.

दूसरा- कॉपी केट इंवेस्टमेंट या क्लोनिंग

अगर आप सोचते हैं कि किसी का भी इंवेस्टमेंट प्लान देख कर इंवेस्ट कर देंगे तो आप भारी भूल कर रहे हैं. गूगल पर आजकल ये भी पता चल जाता है कि दिवंगत राकेश झुनझुनवाला का इंवेस्टमेंट प्लान क्या है. आईडिया बहुत बुरा है. बड़े बिजनेस मैन का विजन अगल है, उनके निवेश का उद्देश्य अलग है, उनके पास निवेश करने वाली पूंजी आपके पैसे से कई गुना ज्यादा है. अगर आप उन्हें कॉपी करते हैं तो आपकी जरूरत के हिसाब से इंवेस्ट नहीं होगा और वैसे रिटर्न्स नहीं मिलेंगे. मान लीजिए कोई अनुभवी रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहा है और आप 25 की उम्र में सोच रहे हैं कि अनुभवी है तो इनका प्लान कॉपी किया जाए. अब अनुभवी साहब शेयर मार्केट से पैसा निकाल कर पीपीएफ में डाल रहे हैं तो क्या आप भी यही करेंगे? खुद से पूछिए. पता चल जाएगा कि आप खुद का नुकसान करवा रहे हैं. कॉपी करना ही है तो आईडियाज, फिलॉसफी को कॉपी करें. प्लान को नहीं.

तीसरा- खुद से इंवेस्ट करना मतलब घंटों समय खपाना

पहले ऐसा जरूर था कि इंवेस्ट करना आसान नहीं था. जानकारियां जुटाने में पसीना छूट जाता था. लेकिन अब तो सबकुछ एक क्लिक पर है. आपको न्यूजपेपर तक नहीं उठाना पड़ता. कंपनियों की वेबसाइट पर कई रेलेवेंट जानाकारियां आसानी से मिल जाती हैं और फिर कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो इंवेस्टमेंट को लकेर सलाह देती है, जिसमें आपको कंपनी की एन्यूल रिपोर्ट आसानी स्टॉक मार्केट से मिल जाती है, हर लिस्टेड कंपनी के पिछले कई सालों के रिकॉर्ड्स होते हैं, ग्राफ्स से आपके लिए बड़े बड़े फिगर्स को आसान बना दिया जाता है. यहां तक कि ये वेबसाइट्स स्टॉक्स को स्टडी करती हैं और कंपनी की ग्रोथ भी प्रेडिक्ट करती है. ध्यान रहे अगर कोई शेयर मार्केट को लेकर भविष्यवाणी करने का दावा करता है तो वह 100 फीसदी फर्जी है.

चौथा- शेयर मार्केट में अमीर लोग ही निवेश करते हैं

आप ये भी बोल सकते हैं कि जिसके पास खूब पैसा है वो ही निवेश कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट में आप कम पैसा निवेश कर 5-6 साल तक होल्ड करते हैं तो रिटर्न अच्छा मिल सकता है. अब दिग्गज इंवेस्टर वारन बुफे को देख लीजिए विशाल संपत्ति के इस मालिक ने कुछ डॉलर्स के साथ निवेश शुरू किया था. और आजकल शेयर मार्केट में एंट्री लेने का आसान जरिया एसआईपी भी है जिसमें मिनिमम 100 रुपये से लाखों रुपयों तक इंवेस्ट किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म तक होल्ड करने की हैबिट बनाएं तो फायदे में रहेंगे. रातों रात शेयर मार्केट से कोई अमीर नहीं बन जाता. ये भी अपने आप में एक मिथक ही है.

पांचवां- स्टॉक्स की कीमत गिरते ही उसे खरीद लो और फिर कीमत बढ़ते ही बेच दो

शेयर मार्केट में आमतौर आप ऐसा करते हैं लेकिन उसका उद्देश्य अलग होता है. अगर आप 500 रुपये के स्टॉक को 50 रुपये तक गिरने पर खरीदते हैं और सोचते हैं कि वो वापस 500 के पार जाएगा तो ये गलत है. वो कहते हैं न कि गिरते हुए चाकू को पकड़ने की कोशिश करने वालों को ही चोट लगती है. वैसे ही कंपनी के फंडामेंटल्स देखें, जो स्टॉक साल भर में 50 से 70 हुआ है और लगातार बढ़ रहा है. ऐसी जगह ही निवेश करें.

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते समय इन कुछ बातों का ज़रूर रखें ध्यान

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स्टॉक मार्केट में निवेश से मिलनेवाले ऊंचे रिटर्न्स की वजह से लोग हमेशा से ही स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इक्विटीज़ में पैस बनाना कभी-भी आसान नहीं होता. इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ मार्केट की समझ होना भी ज़रूरी है, जिसके लिए बहुत धीरज और अनुशासन की ज़रूरत होती है.

नीचे हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ज़रूर ध्यान स्टॉक मार्केट देना चाहिए:

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1. ट्रेडिंग कॉस्ट
ट्रेडिंग कॉस्ट में ब्रोकरेज, टैक्स और मार्जिन फ़ंड कॉस्ट तीनों ही शामिल होते हैं. इन तीनों में से ब्रोकरेज का हिस्सा बड़ा होता है. यदि ब्रोकरेज की राशि में बचत की जा सके तो ट्रेडिंग कॉस्ट कम हो जाती है और लाभ बढ़ जाता है.
मंथली अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स में ग्राहकों की ब्रोकरेज पर सबसे ज़्यादा बचत होती है. इस प्लान में ग्राहकों को एक सेग्मेंट के लिए अनलिमिटेड संख्या में ट्रेड्स के लिए एक निश्चित मासिक शुल्क देना होता है.
एक इन्ट्राडे ट्रेडर एक दिन में औसतन 20 ट्रेड्स करता है और 15 रु प्रति ट्रेड ब्रोकरेज के हिसाब से एक महीने में 6000 रुपए के ब्रोकरेज का भुगतान करता है. वहीं अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स लगभग 899 रुपए प्रति माह पर ही मिल जाते हैं, जिससे आपकी बड़ी बचत होती है.

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2. रिसर्च और ऐनालिसिस टूल्स
लाभ को बनाए रखने के लिए एक ट्रेडर को रिसर्च और ऐनालिसिस करने के लिए अच्छे ट्रेडिंग टूल्स की ज़रूरत होती है. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी ट्रेडर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. ऐड्वांस चार्ट्स, रिपोर्ट्स और टैक्स स्टेटमेंट ग्राहकों का समय बचाने का काम करते हैं.

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3. ऑनलाइन ट्रेड में आसानी के लिए

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए ग्राहक को एक आसान से यूज़र इन्टरफ़ेस की ज़रूरत होती है. इससे ट्रेंडिंग तेज़ी से होती है, असमंजस नहीं होता और ग़लतियां कम होती हैं.

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4. जोखिम कम करने के लिए
स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा है. इस जोखिम को कम करने के लिए जोखिम को समझने और उसका समंजन करने की ज़रूरत होती है.
बाज़ार में निवेश करने के लिए सबसे ज़रूरी बात ये है कि सारा निवेश केवल एक ही जगह न करें. फिर चाहे लार्ज-कैप और मिड-कैप के बीच चुनाव हो या ग्रोथ और इनकम स्टॉक्स के बीच में. जोखिम को नियंत्रण में रखने की इस सलाह पर ज़रूर अमल करें. साथ, ही, थोड़े से रिसर्च से आप ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स ढूंढ़ सकते हैं, जो आपके जोखिम को एक तरह से सीमित कर देंगे.
मोटे तौर पर इन ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स को दो भागों में बांटा जा सकता है- कंडिशनल ऑर्डर्स, ये ऐसे ऑर्डर्स होते हैं जिन्हें किसी निश्चित ट्रिगर पर भरना होता है; जबकि ड्यूरेशनल ऑर्डर्स को निश्चित समय सीमा में एग्ज़ेक्यूट किया जाता है. उदाहरण के लिए स्टॉप लिमिट ऑर्डर ग्राहकों के बीच हिट हुआ है- यह प्राइज़ रेंज सेट करने की सुविधा देता है; ऐसा बिंदु जहां से ऑर्डर ट्रिगर होगा और वह लिमिट प्राइज़, जिस पर ऑर्डर को एग्ज़ेक्यूट किया जाएगा. यहां बाज़ार की हलचल के छूट जाने की कमी तो रह जाएगी, लेकिन यह जोखिम को एक हद तक सीमित कर देगा.

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5. ग्राहक सेवा
स्टॉक्स में ट्रेड करना एक इंटरैक्टिव प्रक्रिया है. ब्रोकर और ग्राहक के बीच लगातार संवाद होना ज़रूरी है. जहां अधिकतर ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म्स ग्राहक को अपनी सेवाएं फ़ोन, ईमेल, ऑनलाइन हेल्प डेस्क वगैरह के ज़रिए देते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि अपने निवेश के लिए ट्रेडिंग पार्टनर चुनने से पहले आप इस बात की जांच कर लें कि आपको यह सेवाएं किस तरह मिलेंगी.
अपना फ़ैसला लेने से पहले हर ट्रेडर को अपनी उम्मीद और उपलब्ध विकल्पों के बीच सही स्टॉक और ब्रोकर को ध्यान से शॉर्टलिस्ट कर लेना चाहिए. ट्रेडिंग कॉस्ट, प्लैटफ़ॉर्म के फ़ीचर्स, मार्जिन और लीवरेज सुविधा, ग्राहक सेवा और रिसर्च एम्पावरमेंट वगैरह, कुछ ऐसे मुख्य बिंदु हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. सार यह है कि सही इन्वेस्टमेंट इन्स्ट्रुमेंट के साथ साथ एक सशक्त ब्रोकर या ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म का चुनाव आपको अपने ट्रेडिंग के लक्ष्यों तक ज़रूर पहुंचा देगा.

Today's Share Market: कैसा खुलेगा आज का स्टॉक मार्केट, एक्सपर्ट्स ने दी अपनी राय

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डीएनए हिंदी: देश भर में मनाये जाने वाले दशहरा उत्सव के अवसर पर बुधवार को भारतीय बाजार बंद रहा. इस दौरान जहां निवेशक वित्त वर्ष 2013 के लिए दूसरी तिमाही के आय सत्र की तैयारी कर रहे हैं वहीं पिछले कारोबारी सत्र में दोनों बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 2% से अधिक चढ़ गए. वैश्विक संकेतों को ट्रैक करने के लिए बाजार गुरुवार को अपना कारोबार फिर से शुरू करेगा और इसका प्रदर्शन फिर से देखा जाएगा. हालांकि, बाजार का निकट अवधि का ढांचा सकारात्मक दिख रहा है और विशेषज्ञों ने व्यापारियों को खरीद-बिक्री के समय इंट्राडे करेक्शन पर खरीदारी करने का सुझाव दिया है.

मंगलवार को सभी सेक्टोरल इंडेक्स में व्यापक आधार वाली खरीद के चलते बाजारों में जोरदार तेजी देखी गई. बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, मेटल और आईटी शेयरों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा. मिडकैप और स्मॉलकैप में भी अच्छी तेजी आई. इस दौरान भारतीय मुद्रा की सराहना की गई, जबकि विदेशी धन प्रवाह में भी वृद्धि हुई. कुल मिलाकर बॉन्ड प्रतिफल में कमी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर सूचकांक में गिरावट के साथ वैश्विक इक्विटी बाजारों की धारणा सकारात्मक दिखी.

भारतीय मार्केट में लौट रहे विदेशी निवेशक

सेंसेक्स 1,276.66 अंक या 2.25% की बढ़त के साथ 58,065.47 पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 50 386.95 अंक या 2.29% बढ़कर 17,274.30 पर बंद हुआ.

इंटरबैंक फोरेक्स मार्केट में मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले भारतीय रुपया 81.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. जबकि विदेशी निवेशकों (FII) के फंड का प्रवाह 4 अक्टूबर को इक्विटी बाजार में संचयी रूप से 1,344.63 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो कि 3 अक्टूबर को 590.58 करोड़ रुपये के प्रवाह से अधिक है.

भारत मंदी को रोकने की कोशिश में जारी

रिलायंस सिक्योरिटीज में अनुसंधान प्रमुख मितुल शाह ने कहा, "बाजार को साल के पहले नौ महीनों में भारी नुकसान हुआ क्योंकि केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने तेजी से स्पष्ट किया है कि ब्याज दरों में वृद्धि और मौद्रिक सख्ती जारी रहेगी."

शाह ने कहा, "बाजार आगे के संकेतों के लिए 2QFY23 आय परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है, जो अगले सप्ताह से शुरू होगा. वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के बीच में हैं क्योंकि कई मौद्रिक नीतियां तेजी से अपनी नीतिगत दरों में वृद्धि कर रहे हैं. आरबीआई ने अपनी प्रमुख रेपो दर 50 बीपीएस तक बढ़ा दी है. बढ़ती मुद्रास्फीति को रोकने के लिए आरबीआई को मौद्रिक नीति को कड़ा बनाए रखना पड़ सकता है और दिसंबर, 2022 में 35 बीपीएस की और वृद्धि की उम्मीद है. भारत में मंदी को रोकने की पूरी संभावना है, जबकि अमेरिका और यूरोप इसकी ओर बढ़ रहे हैं. बाजार ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 6.7% मुद्रास्फीति के साथ भारत के विकास आवेगों और 7% सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुमान पर टिप्पणी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है."

कंपनियों का दूसरी तिमाही का रिजल्ट

सभी की निगाहें टीसीएस (TCS) की दूसरी तिमाही की आय पर टिकी हैं जो 10 अक्टूबर को जारी होगा है. आईटी शेयर अपने तिमाही परिणामों के कारण फोकस में रहेंगे. पीयर एचसीएल टेक (HCL Tech) और विप्रो (Wipro) 12 अक्टूबर को अपने Q2 वित्तीय प्रदर्शन की घोषणा करेंगे, जबकि इंफोसिस (Infosys) और माइंडट्री (Mindtree) 13 अक्टूबर को दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा करने के लिए तैयार हैं.

ऑटो के बीच, बजाज ऑटो (Bajaj Auto) Q2 के परिणाम उत्सुकता से देखे जाएंगे जो 14 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. बैंकिंग क्षेत्र में, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की दूसरी तिमाही की कमाई पर नजर है जो 15 अक्टूबर को प्रस्तुत की जाएगी. अन्य कंपनियां भी आने वाले दिनों में इसी तरह अपनी दूसरी तिमाही की घोषणा करेंगी.

बाजारों का निकट भविष्य का दृष्टिकोण आशावादी है. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) के प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, "अल्पकालिक बाजार संरचना सकारात्मक है, लेकिन अस्थायी रूप से अधिक खरीद की स्थिति के कारण हम निकट भविष्य में सीमाबद्ध गतिविधि देख सकते हैं. व्यापारियों के लिए अब, 17200-17150 / 57800-57600 प्रमुख समर्थन क्षेत्र होगा जबकि 17400-17425/58300-58400 निफ्टी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिरोध क्षेत्र के रूप में कार्य करेगा. इंट्राडे सुधार पर खरीदना और रैलियों पर बेचना दिन के व्यापारियों के लिए आदर्श स्टॉक मार्केट रणनीति होगी."


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