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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था मुद्रा स्फीति से जूझ रही है। कोरोना के दौरान सभी देशों ने आर्थिक पैकेज जारी किए, लोगों को बड़ी मात्रा में धन सीधे उनके बैैंक खातों में भेजा। इसके अतिरिक्त कई अन्य योजनाओं के माध्यम से बाजार में मुद्रा की तरलता बढ़ाई गई, जबकि इस काल में उत्पादन बंद रहा। अब वैश्विक स्तर पर एक ऐसी स्थिति है कि लोगों के पास मुद्रा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार संचय है, लेकिन उत्पादन अभी भी उस स्तर तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में मुद्रा स्फीति की स्थिति है, जिसे नियंत्रित करने के लिए अब मौद्रिक नीति में बदलाव होंगे।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा कोष बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंचा, जानें कितना रहा सोने का भंडार

By: ABP Live भारत का विदेशी मुद्रा भंडार | Updated at : 25 Nov 2022 08:30 PM (IST)

विदेशी मुद्रा भंडार

India Forex Reserves 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के आंकड़े जारी कर दिए है. आपको बता दे कि 18 नवंबर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अरब डॉलर पहुंच गया है.

RBI ने जारी किये आंकड़े
आरबीआई (RBI) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है. 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में लगातार दूसरे हफ्ते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर हो गया है. पिछले साल अगस्त 2021 के बाद उच्चतम साप्ताहिक वृद्धि के बाद यह 14.721 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 544.715 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था.

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर

मुंबई, 25 नवंबर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसमें लगातार दूसरे सप्ताह वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार था। वैश्विक घटनाक्रम के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें कमी आई है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई उल्लेखनीय वृद्धि, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बाहरी ऋण से भी निकला आगे

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

भारतीय अर्थव्यवस्था बहुआयामी विकास की ओर बढ़ रही है। सरकार का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी या 8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर से आगे बढ़ेगी। इन सब के बीच एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 634 बिलियन डॉलर हो गया है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.2 महीने के कुल भारतीय निर्यात से अधिक है और देश पर वर्तमान समय में जितना बाहरी कर्ज है, वह भी विदेशी मुद्रा भंडार के सापेक्ष में कम हो गया है। भारत के उच्च विदेशी मुद्रा भंडार में और भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि भारत की ओर विदेशी निवेशक लगातार आकर्षित हो रहे हैं और साथ ही भारतीय निर्यात बढ़ रहा है, जिस कारण लाभ भी तेजी से देखने को मिल रहा है।

सरकार की PLI योजना कर भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रही है कमाल

विदेशी मुद्रा के संचय का यह लाभ है कि जब दूसरे देश मुद्रा की तरलता कम करेंगे, भारत तब भी अपने संचयित मुद्रा कोष का प्रयोग कर सकेगा। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की वृद्धि में निवेश और निजी उद्यमों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में सरकार की योजना निजी उद्यमियों को बढ़ावा देने की होनी चाहिए और सरकार यह कर भी रही है। PLI योजना भारत के औद्योगिकीकरण को सर्वांगीण विकास का अवसर दे रही है। PLI के कारण भारत कई नए सेक्टर, जैसे- सेमी कंडक्टर, ड्रोन, फूड प्रोसेसिंग आदि में मैन्युफैक्चरिंग हब बनने भारत का विदेशी मुद्रा भंडार की ओर अग्रसर है। PLI के जरिये बड़े औद्योगिक इकाइयों भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का विस्तार होगा। वहीं, स्टार्टअप की बात करें तो इस समय भारत में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण है और यह बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का कारण बन रहा है। IT सेक्टर में लगातार नौकरियों का विस्तार इसी का परिणाम है।

एनआरआइ के कदम पड़ने से विदेशी मुद्रा भंडार को भी मिला दम

एनआरआइ के कदम पड़ने से विदेशी मुद्रा भंडार को भी मिला दम

अजमेर. देश का पर्यटन उद्योग कोरोना के बुरे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दौर से तेजी से उबर रहा है। इस उद्योग को वापस पटरी पर लाने में अप्रवासी भारतीय खास भूमिका निभा रहे हैं। इस दौर में विदेशी पर्यटकों ने भारत से दूरी बनाई पर अप्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में भारत आए हैँ। जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार को खासा सहारा मिला है। वर्ष 2019 में भारत में कुल 179.1 लाख अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आगमन हुआ जिसमें से 69.8 लाख अप्रवासी भारतीय थे। वर्ष 2020 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 63.3 लाख रह गई। इसमें 35.9 लाख भारतीय अप्रवासी थे। हालात सामान्य होने पर वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 70 लाख पर पहुंची तो भारत आने वाले अप्रवासियों की तादाद भी 54.8 लाख पर पहुंच गई।

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर

मुंबई, 25 नवंबर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसमें लगातार दूसरे सप्ताह वृद्धि हुई है। भारतीय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रम के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें कमी आई है।

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