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वित्तीय बाजार क्या हैं

वित्तीय बाजार क्या हैं
वैश्विक स्तर पर ईंधन की बढ़ी कीमतें आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की चाल के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं. फरवरी महीने में मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से अधिक हो गई है जिसकी मुख्य वजह ईंधन की बढ़ी कीमतें हैं. लगातार उच्च मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए उदार रुख अपनाए रखने में चुनौती बन सकती है. इससे आरबीआई को ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार करना पड़ सकता है, जिससे हाल के महीनों में अर्थव्यवस्था में आई रफ्तार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर यह देखते हुए कि बैंक ऋण वित्तीय बाजार क्या हैं की ग्रोथ असमान और कमजोर बनी हुई है.

तेज ग्रोथ, तीव्र अस्थिरता— भारतीय अर्थव्यवस्था नए वित्तीय वर्ष में क्या उम्मीद कर सकती है

सोहम सेन का चित्रण | ThePrint

वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त होने जा रहा है. अर्थव्यवस्था तो तेजी से रफ्तार पकड़ेगी लेकिन आने वाले साल में वित्तीय बाजारों में काफी अस्थिरता दिखाई दे सकती है. एक तरफ घरेलू और विदेशी वित्तीय और मौद्रिक गतिविधियां बढ़ने और दूसरी तरफ अनिश्चितता के कारण संपत्ति मूल्यों में उतार-चढ़ाव आ सकता है.

2020-21 को जहां उत्पादन घटने के लिए याद रखा जाएगा, वहीं अर्थव्यवस्था में सुधार के बीच नई संभावनाओं के आकार लेने और ब्याज दरों में उछाल के कारण 2021-22 में तेजी से वृद्धि और तीव्र अस्थिरता की स्थिति बने रहने के वित्तीय बाजार क्या हैं आसार है.

भारत और विदेश दोनों जगह जिस तरह कोविड-19 की लहर के वित्तीय बाजार क्या हैं बाद लहर आ रही है, यह साल अच्छी और बुरी खबरों का गवाह बनता रहेगा, जिससे वित्तीय बाजारों में अस्थिरता की स्थिति बनी रह सकती है. भारत और विदेशों में, बांड बाजारों और सरकारों और केंद्रीय बैंकरों के बीच उठापटक आने वाले महीनों में भी जारी रहने की संभावना है, जो सरकारी बॉन्ड बेचने और यील्ड कम रखने की कोशिश करेंगे.

अमेरिका में हायर यील्ड

भारत में पिछले कुछ हफ्तों में सरकार की तरफ उम्मीद से ज्यादा उधार लेने की घोषणा किए जाने से सरकारी बॉन्ड पर ब्याज में तेजी आनी शुरू हुई है. यद्यपि आरबीआई ने पूंजी प्रवाह और बॉन्ड पर निगाहें टिकाए रखने वालों की निश्चिंतता बढ़ाने के लिए खुले बाजार में खरीदारी और संचालन में सुधार वाले कई कदम उठाए हैं, लेकिन यील्ड में तेजी का दबाव बरकरार है. 1.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के राजकोषीय प्रोत्साहन के कारण अपेक्षा से अधिक सुधार ने मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका उत्पन्न कर दी है. फेडरल रिजर्व नीतियों के जरिये उदार रुख के आश्वासनों के बावजूद अमेरिकी राजकोषीय यील्ड अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में यील्ड ने फिर मजबूती पकड़ी है.

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सकारात्मक वृद्धि

2020-21 में सरकार ने महामारी के कारण उपजे आर्थिक संकट को दूर करने और व्यवसायों को फिर खड़ा करने में मदद के लिए विभिन्न चरणों में कई उपायों की घोषणा की. इनमें एमएसएमई को कोलैटरल-फ्री लोन, एनबीएफसी की मदद के लिए आंशिक ऋण गारंटी, और पूंजीगत व्यय और रोजगार को बढ़ावा देने के उपाय शामिल थे.

आरबीआई ने बैंको को व्यवसायों को कम ब्याज पर कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पूंजी तरलता बढ़ाने संबंधी कई उपायों की घोषणा की थी. आरबीआई ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों को सहारा देने के लिए 31 अगस्त 2020 तक पूरे छह महीने के लिए बैंक ऋण पर मोराटोरियम घोषित कर दिया था. इसके बाद जरूरी हो ऋण फिर से जारी करने के लिए बैंकों द्वारा अधिक लचीलापन अपनाए जाने के लिए ऋणों का एकमुश्त पुनर्गठन किया गया. कर्जदारों वित्तीय बाजार क्या हैं की मुश्किलें और घटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में एनपीए के वर्गीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

भारतीय वित्तीय बाजार में करिअर के अवसर विषय पर पैनल चर्चा

सीएमजी राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, भोडिया खेड़ा के वाणिज्य विभाग ने मंगलवार को आनलाइन मोड के माध्यम से 'भारतीय वित्तीय बाजार में करिअर के अवसर' विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया है। पैनल चर्चा में

वित्तीय शिक्षा प्रशिक्षक एनआइएसएम, बीएसई, सेबी से शंकुतला पारीक और जाफरुद्दीन ने छात्राओं को भारतीय वित्तीय बाजार में करियर के अवसर के

बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि कैसे वे वित्तीय बाजार में

कैसे प्रवेश कर सकते हैं।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में शेयर बाजार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ट्रेडिग इंडस्ट्री के विस्तार के साथ इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। विभिन्न पृष्ठभूमि के

वित्तीय बाजार क्या हैं

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड
142, महात्मा गांधी रोड, नुंगमबक्कम, चेन्नई 600 034
दूरभाष : 91 - 44 -28306600
ईमेल : [email protected] वेबसाइट : www.ifinltd.in

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड (आईफिन) की स्थापना 1995 में आईएफसीआई लि. द्वारा निवेशकों, संस्थानों और खुदरा निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई थी । आईफिन मुख्य रूप से स्टॉक ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, म्युचुअल फंड वितरण और सलाहकारी सेवाएं, डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं, बीमा उत्पाद वितरण तथा इसके जैसे अन्य कार्यों से जुड़ी हुई है ।

सेवाओं का समूह

आईएफसीआई के साथ जुड़े होने के नाते, भारत के निवेशक समुदाय और अनिवासी भारतीयों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद व सेवाएं प्रदान करने के सम्बन्ध में आईफिन को एक प्रमुख अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है । इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -

  • स्टॉक ब्रोकिंग
  • कमोडिटीज ब्रोकिंग
  • मुद्रा ट्रेडिंग
  • पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं
  • डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं
  • मर्चेन्ट बैंकिंग
  • बीमा निगमित एजेंसी
  • म्युचुअल फंड वित्तीय बाजार क्या हैं उत्पाद वितरण
  • आईपीओ वितरण
  • निगमित सलाहकारी सेवाएं

आईफिन की सदस्यताएं और लाइसेंस

दि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एनएसई) : आईफिन एक प्रमुख ब्रोकिंग हाउस है और इस समय यह एनएसई की इन सभी श्रेणियों का सदस्य है - नकद बाजार (सीएम), वायदा व विकल्प (एफ एण्ड ओ) थोक ऋण बाजार (डब्ल्यूडीएम) और मुद्रा डेरिवेटिव्स । कम्पनी बीमा, म्युचुअल फंड और बैंकिंग क्षेत्रों में कई प्रतिष्ठित संस्थागत ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है ।

दि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लि. (बीएसई) : आईफिन भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक अर्थात् बीएसई का नकद बाजार (सीएम) खण्ड का भी सदस्य है ।

मल्टी कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एमसीएक्स - एसएक्स) : आईएफिन ने एमसीएक्स - एमएक्स से एक लाइसेंस प्राप्त किया है और मुद्रा खण्ड का सदस्य है । एमसीएक्स - एसएक्स मुद्रा जोखिम बचाव के लिए निर्यातकों, आयातकों, निगमित कम्पनियों और बैंकों सहित वित्तीय बाजार सहभागियों की व्यापक श्रृंखला के लिए बहुत से लाभ प्रदान करता है ।

अपने वित्तीय बाजार को और खोले भारत: ब्रिटेन

अपने वित्तीय बाजार को और खोले भारत: ब्रिटेन

ब्रिटेन ने भारत के साथ द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बैंकिंग और बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र वित्तीय बाजार क्या हैं को मंगलवार को और खोलने को कहा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और उनके साथ आए व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मंगलवार को उद्योग मंडल सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के सदस्यों से मुलाकात की।

बैठक में मौजूद रहे सीआईआई के एक अधिकारी वित्तीय बाजार क्या हैं ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ बैठक काफी सकारात्मक रही। उन्होंने भारत सरकार को वित्तीय सेवाओं का क्षेत्र और खोलने को कहा और शिक्षा व कौशल विकास जैसे क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को कहा।

एक वित्तीय बाजार की जरूरत,

वित्तीय बाजारों बाजार वित्तपोषण कर रहे हैं, इस फंड प्रदाताओं और वित्त पोषण ऋण साधनों और बाजार में वित्तीय लेनदेन के माध्यम से दोनों पक्षों द्वारा की जरूरत के लिए संदर्भित करता है मोटे तौर पर, उपकरणों और प्रतिभूतियों के लेनदेन की एक किस्म के लिए, मुद्रा उधार और वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए है बाजार में गतिविधि, वित्तीय बाजारों के और अधिक पूरी परिभाषा : वित्तीय बाजारों में वित्तीय आस्तियों के व्यापार और वित्तीय परिसंपत्ति की कीमतों के लिए एक वित्तीय बाजार क्या हैं तंत्र का निर्धारण कर रहे हैं! एक वित्तीय बाजार उसे कहते हैं जिसमें न केवल वित्तीय परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाता है बल्कि उनका हस्तांतरण भी किया जाता है! इस तरह के बाज़ार में किसी सामान के वास्तविक हस्तांतरण को संपन्न न करके मुद्रा और वास्तविक सामानों और सेवाओं का हस्तांतरण किया जाता वित्तीय बाजार क्या हैं है! इसमें विनिमय की व्यवस्था संलग्न होती है! वस्तुतः इस व्यवस्था में वित्तीय हस्तांतरण या वित्तीय साख का सृजन आदि किया जाता है! वित्तीय आस्तियों के अंतर्गत लाभांश या ब्याज के रूप में भविष्य या आवधिक भुगतान के सन्दर्भ में पैसे की राशि को प्रतिपूर्ति के दावे के रूप में प्रस्तुत किया जाता है!

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