नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश

देसी निवेशकों के पसंदीदा बने रहेंगे म्युचुअल फंड
कूद गए। म्युचुअल फंड उद्योग इस रुख से बेफिक्र है और इसे तेजी के बाजार की घटना बताया है। पारदर्शिता, कम लागत और निवेश के कई विकल्पों के कारण म्युचुअल फंड भारतीय निवेशकों की अग्रणी पसंद बना रहेगा। मंगलवार को आयोजित 'बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट' में म्युचुअल फंड उद्योग के दिग्गजों ने ये बातें कही।
देश के सबसे बड़े म्युचुअल फंड एसबीआई एमएफ के प्रबंध निदेशक व सीईओ विनय टोंस ने कहा, मौजूदा तेजी में सतर्क रुख अपनाया जाना चाहिए क्योंंकि यह तेजी निवेशकोंं को वैसे शेयर की खरीद के लिए लुभा सकता है, जो फंडामेंटल के लिहाज से सही नहीं है। किसे म्युचुअल फंड की दरकार नहींं है? अगर आप हमारी तरफ से पेश योजनाओं व समाधान पर नजर डालेंगे तो नौसिखिया से लेकर सधे निवेशक तक म्युचुअल फंड में निवेश के जरिये बेहतर अर्जित करेंगे। उद्योग ने पिछले कई साल में बचतकर्ताओं को निवेशक में तब्दील कर शानदार काम किया है।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक व सीईओ ए बालासुब्रमण्यन ने कहा, एमएफ कई चक्र से गुजरा है, बाजार के उतार-चढ़ाव देखे हैं और देश में निवेशकोंं के लिए सबसे भरोसेमंद निवेश के साधनों में से एक के तौर पर उभरा है। उन्होंंने कहा, पिछले साल बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों ने बाजार का सिर्फ एक ही पक्ष देखा है।
बालासुब्रमण्यन के मुताबिक, उद्योग ने जीडीपी का करीब 15 फीसदी सृजित किया है और बचत को पूंजी बाजार में लाने में अहम भूमिका निभाई है।
डीएसपी एमएफ के प्रबंध निदेशक व सीईओ कल्पेन पारेख ने कहा कि पारंपरिक इक्विटी व बॉन्डोंं, कमोडिटीज व वैश्विक इक्विटी से अलग एमएफ कई योजनाओं की पेशकश है, जो हर खुदरा निवेशकों से लेकर कॉरपोरेट व बैंंक ट्रेजरी के लिए फिट हो सकता है। इसमें संदेह नहींं है कि पिछले साल ब्रोकिंग उद्योग में नए खाते खुलने की दर ऊंची रही है, लेकिन हम उससे सीख सकते हैं। जितने ब्रोकिंग खाते खुलेंगे, उनका इस्तेमाल ईटीएफ खातों के तौर पर भी हो सकता है। सफर लंबा है लेकिन मुझे भरोसा है कि हम अलग-अलग तरह के निवेशकों का मकसद पूरा कर पाएंगे।
एचडीएफसी एमएफ के प्रबंध निदेशक व सीईओ नवनीत मुनोत ने कहा, म्युुचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है, चाहे वह बचत करने वाला हो और जो निवेश करना चाहता हो, चाहे आपात जरूरत के लिए हो या फिर आय सृजन के लिए या फिर लंबी अवधि में गाढ़ी कमाई के लिए। उन्होंने कहा कि म्युचुअल फंड ज्यादा विनियमित और सख्ती के दायरे में हैं। यह ताजा रुझान चुनौती और अवसर, दोनों है। उन्होंने कहा कि सितंबर तिमाही में 30 लाख फोलियो शामिल हुए।
एडलवाइस एमएफ की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा, 'गेम सिर्फ खाते खोलने से जुड़ा नहीं है। चुनौती लोगों को विभिन्न समय चक्रों के जरिये निवेश से जोड़े रखने की है। यह ऐसी लड़ाई है, जो हमें जीतनी होगी।' बड़ी तादाद में फिनटेक कंपनियां म्युचुअल फंड क्षेत्र में किस्मत आजमाने की तैयारी कर रही हैं। म्युचुअल फंडों के प्रमुख इसे खतरे के तौर पर नहीं देख रहे हैं, बल्कि वह इसे देश के दूर-दराज इलाकों में उद्योग की पहुंच में सुधार के रूप में मान रहे हैं।
कोटक महिंद्रा एमएफ के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने कहा, 'कंपनियों की संख्या जितनी ज्यादा होगी, उतना ही अच्छा है। हम आज शहरी-केंद्रित हैं और हमें भारत के हरेक पिनकोड तक पहुंचना होगा। ऐसा करने के लिए हमें सभी कंपनियों से सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी।' अंतरराष्ट्रीय फंड पिछले दो साल में निवेयशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि फंड प्रमुखों का मानना है कि यह महत्वपूर्ण था कि निवेशकों ने सबसे पहले भारतीय इक्विटी को पसंद किया और फिर विविधता के प्रयास में अंतरराष्ट्रीय इक्विटी की ओर रुख किया, और ऐसी कंपनियों या व्यवसायों में निवेश पर जोर दिया, जो भारत में मौजूद नहीं हैं।
पारेख ने कहा, 'इक्विटी निवेश भारत और पूरी दुनिया में श्रेष्ठ व्यवसायों की खरीदारी के समान है। निवेशकों को सतर्कतापूर्वक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी के समावेश के साथ हाइब्रिड पोर्टफोलियो तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। कई ऐसी विदेशी कंपनियां हैं जो भारत में मौजूद कंपनियों के मुकाबले तेज रफ्तार से बढ़ रही हैं। विविध चक्रों और मल्टी-कंट्री पोर्टफोलियो पर ध्यान देने वाले देशों को अस्थिरता घटाने में मदद मिल सकती है।'
पैसिव योजनाओं की वृद्घि के बावजूद ऐक्टिव योजनाएं शीर्ष फंड हाउसों के पोर्टफोलियो के बड़े हिस्से में शामिल बनी हुई हैं। कई परिसंपत्ति प्रबंधकों नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश ने निवेश विविधता लाने और निवेशकों को व्यापक विकल्प मुहैया कराने के प्रयास में अपने पोर्टफोलियो में पैसिव योजनाओं की पेशकश की थी।
Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ', शेयर बाजार में पहली बार निवेश की पूरी जानकारी
लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में महंगाई को पछाड़ने की संभावना होती है। हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर अच्छा होता है। शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानकारी भरी अजीत सिंह की यह रिपोर्ट.
अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।
ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।
50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।
एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।
आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।
अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी
ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।
निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।
जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।
विस्तार
अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।
ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।
50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।
एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।
आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।
अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी
ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।
निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।
जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।
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- News18 हिंदी
- Last Updated : November 18, 2022, 07:58 IST
हाइलाइट्स
लोग इक्विटी की ओर आकर्षित होते हैं कि क्योंकि इसमें लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न मिलता है.
नए निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा.
इस तरह आप 500-1000 रुपये में निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की यूनिट खरीद सकते हैं.
नई दिल्ली. शेयर बाजार में अभी तगड़ा उछाल दिख रहा है और सेंसेक्स एक बार फिर 62 हजार की ओर जा रहा है. ऐसे में नए निवेशकों के मन में भी यह सवाल उठता है कि क्यों न चढ़ते बाजार में पैसा लगाया जाए. अब दिक्कत यह आती है कि इसकी शुरुआत कैसे की जाए. आपकी इसी समस्या को काफी हद तक हल करता है निफ्टी 50 ईटीएफ.
कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर इस बात पर फंसते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें. लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं कि क्योंकि इसमें लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न मिलता है. अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी पर निर्णय लेना आसान नहीं है. यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) काफी मददगार होता है. ईटीएफ विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा पेश किया जाता है.
कैसे काम करता है निफ्टी का ईटीएफ
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा. ईटीएफ की एक यूनिट को काफी कम रुपये में खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है. इस तरह आप 500-1000 रुपये में निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की यूनिट खरीद सकते हैं. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है. सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितना होगी, उतना ही बेहतर होगा रिटर्न पाना.
इसमें बड़ी कंपनियां शामिल
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं. इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में बड़ा डाइवर्सिफिकेशन देता है, क्योंकि यह सूचकांक पर आधारित होता है. आप बाजार में ट्रेडिंग समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं. इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक बेहतर शुरुआत देता है.
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है और इंडेक्स में लागत कम होती है. एक्सपेन्स रेशयो या दूसरे शब्दों में, जो फंड हाउस चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है. इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं. निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच ट्रेड करते हैं. यह शेयर खरीदने के लिए आपको मोटा पैसा लगाना पड़ेगा, लेकिन ईटीएफ के जरिये हम बेहद कम पैसों में इन शेयरों के रिटर्न का लाभ ले सकते हैं.
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके आप बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना बाजार की बढ़त का लाभ उठा सकते हैं. इससे आपके रिस्क लेने की क्षमता पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ता है. कुलमिलाकर नए निवेशक के तौर पर आप निफ्टी 50 ईटीएफ से शेयर बाजार का सफर शुरू कर सकते हैं.
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Mutual Funds : लार्ज, मल्टी और स्मॉल कैप म्यूचुअल फंडों में कौन है आपके लिए बेस्ट, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड उन युवा निवेशकों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, जो ज्यादा जोखिम लेने से नहीं डरते और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं.
आपको अपनी जरूरत के हिसाब से लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए.
Mutual Funds : नए निवेशक, जो पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड इक्विटी में निवेश का बेहतर जरिया हो सकता है. निवेश करने वाला भले ही नौसिखिया हो या अनुभवी, इक्विटी म्यूचुअल फंड सभी तरह के निवेशकों को अपना पैसा अलग-अलग प्रकार के एसेट क्लास में लगाने की अनुमति देते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशकों को अपनी उम्र, फाइनेंशियल गोल्स, जोखिम लेने की क्षमता और भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने म्यूचुअल फंड कैटेगरी का चुनाव करना चाहिए. आप अपनी जरूरत के हिसाब से लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं.
लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप या स्मॉल-कैप, म्यूचुअल फंड की अलग-अलग कैटेगरी हैं. ये सभी फंड उन कंपनियों के आकार को इंगित करते हैं जिनमें फंड का निवेश किया जाता है. उदाहरण के लिए, एक लार्ज-कैप फंड में देश की सबसे ज्यादा बाजार पूंजी वाली टॉप 100 कंपनियों के शेयर में फंड की कुल राशि का कम से कम 80 प्रतिशत निवेश किया जाता है. इसी तरह मिड-कैप फंड में मिड-कैप कंपनियों के इक्विटी में फंड की कुल राशि का कम से कम 65 फीसदी निवेश किया जाता है. वहीं, स्मॉल-कैप फंड के तहत स्मॉल-कैप कंपनियों की इक्विटी में फंड की कुल राशि का लगभग 65 प्रतिशत निवेश किया जाता है.
स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड
इस तरह का फंड उन युवा निवेशकों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, जो ज्यादा जोखिम लेने से नहीं डरते और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं. इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि अच्छी रेटिंग वाले स्मॉल और मिड-कैप फंड निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. अगर कोई निवेशक ज्यादा जोखिम लेने को तैयार है तो इस फंड के ज़रिए वह नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है. अगर आप इसमें ज्यादा लंबे समय तक के लिए निवेश करते हैं तो इससे स्मॉल और मिड कैप फंड से जुड़े जोखिम कम हो जाते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश में डायवर्सिफिकेशन काफी अहम है और निवेशकों को हमेशा अपने निवेश में विविधता लानी चाहिए. निवेशकों को हमेशा अलग-अलग एसेट क्लास में या एक ही एसेट क्लास के भीतर लेकिन अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश करना चाहिए.
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मल्टी-कैप फंड
इस तरह के फंड में, सेबी के नए नियमों के अनुसार फंड मैनेजर को कम से कम 75% इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में निवेश करना होगा. नियम कहता है कि फंड मैनेजर को इसमें से कम से कम 25-25% हिस्सा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों में निवेश करना जरूरी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप इक्विटी फंड में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, तो अच्छी रेटिंग वाले मल्टी-कैप फंडों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. ये मल्टी-कैप फंड युवा और मध्यम आयु वर्ग के निवेशकों दोनों के लिए ही अच्छा है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मल्टी-कैप फंड, स्मॉल और मिड-कैप फंडों की तुलना में कम रिटर्न देते हैं.
लार्ज-कैप फंड
मध्यम आयु वर्ग के निवेशक जो ज्यादा निवेश जोखिम लिए बिना डेट फंडों की तुलना में अधिक रिटर्न चाहते हैं, वे लार्ज-कैप फंडों में निवेश कर सकते हैं. ये फंड उतार-चढ़ाव से भरे बाजार में स्थिर रिटर्न देने के लिए भी जाने जाते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मिड और स्मॉल-कैप इक्विटी में ज्यादा निवेश वाले फंडों की तुलना में लार्ज-कैप फंड में आमतौर पर कम जोखिम होता हैं और मध्यम रिटर्न प्रदान करते हैं. इसलिए अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं या कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं तो आप अच्छी रेटिंग वाले लार्ज-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं.ट
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को अपने फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए अपने लिए सही कैटेगरी का चुनाव करना चाहिए. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और आपमें ज्यादा जोखिम (high-risk) लेने की क्षमता है तो आप स्मॉल और मिड-कैप फंडों में ज्यादा निवेश का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, अगर आप मध्यम जोखिम (moderate risk) उठा सकते हैं और लंबी अवधि से कुछ कम समय के लिए (mid to long-term) निवेश करना चाहते हैं तो आप मल्टी-कैप फंडों में अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा एलोकेट कर सकते हैं.
अगर आपमें मध्यम से कम (moderate to low-risk) जोखिम लेने की क्षमता है और मध्यम अवधि (medium-term) के लिए निवेश करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि ऐसे लोगों को अपने इक्विटी एलोकेशन का एक बड़ा हिस्सा लार्ज-कैप फंडों में निवेश करना चाहिए. इसके अलावा, अगर समय के साथ आपका मन बदलता है और जोखिम उठाने की आपकी क्षमता कम या ज्यादा होती है तो आप ऐसे में अपने एलोकेशन को स्मॉल/मिड-कैप से मल्टी-कैप और लार्ज-कैप में ट्रांसफर कर सकते हैं.
शुरुआती/ नौसिखिया लोगों के लिए इक्विटी निवेश
सितंबर 2020 में रीटेल यानी खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 11 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। और देश की कई टॉप लेवल स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों ने रिकॉर्ड स्तर पर कई नए खाते खोले। ज़ाहिर है, इक्विटी निवेश जोर पकड़ रहा है। नौसिखिया लोगों को इक्विटी में निवेश करने के लिए 3 बातों का जानना ज़रूरी है। सबसे पहले यह कि आप इक्विटी में कैसे निवेश कर सकते हैं? आप डायरेक्ट इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, या फिर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। अगला यह कि आपको इक्विटी में निवेश शुरू करने के लिए क्या चाहिए? आपको एक डीमैट खाता, एक ट्रेडिंग खाता और एक बैंक खाता चाहिए। और अंत में यह कि इक्विटी में निवेश करने के लिए आपको कितने पैसे की आवश्यकता है? खैर, इसकी कोई निचली या ऊपरी सीमा नहीं है। इक्विटी निवेश प्रत्येक निवेश बजट के लिए उपयुक्त है। क्या आप निवेश के बारे में अधिक उपयोगी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं? आपके लिए अगले अध्याय में कुछ दिलचस्प जानकारियां हैं।
इक्विटी आधारित निवेश का विकास
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